For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

'ग़ज़ल कहने जो बैठोगे तो नानी याद आएगी'

(चौथे शैर में तक़ाबल-ए-रदीफ़ नज़र अंदाज़ करे)

नसीहत जो बुज़ुर्गों की न मानी याद आएगी

हमें ता उम्र उनकी सरगरानी याद आएगी

मियाँ मश्क़-ए-सुख़न कर लो नहीं ये खेल बच्चों का

ग़ज़ल कहने जो बैठोगे तो नानी याद आएगी

ज़माने भर की आसाइश के जब सामाँ बहम होंगे

तुझे माँ-बाप की क्या जाँ फ़िशानी याद आएगी

जुड़ी होंगी मज़ालिम की बहुत सी दास्तानें भी

हवेली गाँव की जब ख़ानदानी याद आएगी

क़वाफ़ी जब भी आएँगे ग़ज़ल में ज़िन्दगानी के

मुझे तब "नूर"की वो 'कूड़ेदानी' याद आएगी

----

सरगरानी--नाराज़गी

मश्क़-ए-सुख़न--ग़ज़ल अभ्यास

आसाइश--आराम

जाँ फ़िशानी--मिहनत

मज़ालिम--अत्याचार

"नूर"--निलेश 'नूर'

---

'समर कबीर'

मौलिक/अप्रकाशित

Views: 1458

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Samar kabeer on May 10, 2018 at 6:05pm

बहना राजेश कुमारी जी आदाब,ग़ज़ल में शिर्कत और सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।

'कूड़े दानी' के विषय में निलेश जी बताएंगे तो बहतर होगा बहना, हा हा हा..


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on May 10, 2018 at 5:47pm

नसीहत जो बुज़ुर्गों की न मानी याद आएगी

हमें ता उम्र उनकी सरगरानी याद आएगी----वाह्ह्ह कमाल का शेर 

क़वाफ़ी जब भी आएँगे ग़ज़ल में ज़िन्दगानी के

मुझे तब "नूर"की वो 'कूड़ेदानी' याद आएगी---हाहाहा .....वैसे ये नीलेश की कूड़े दानी की क्या कहानी है हमें भी पाता चले भाई जी 

----बहुत बहुत बधाई दाद ग़ज़ल के लिए 

Comment by Samar kabeer on May 10, 2018 at 2:22pm

भाई,मेरे हिसाब से मिसरा बिलकुल साफ़ है,'नसीहत जो बुज़ुर्गों की न मानी याद आएगी'यानी हमने जो नसीहत बुज़ुर्गों की नहीं मानी याद आएगी,कि हमसे ये ग़लती हुई ।

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on May 10, 2018 at 1:13pm

मुहतरम जनाब समर साहिब , मफ़हूम साफ़ है मगर क़ाफ़िए का रदीफसे रब्त नहीं बैठ रहा है। "नसीहत जो बुज़ुर्गों की न मानी याद आएगी" या "न मानी जो बुज़ुर्गों की नसीहत याद आएगी " । सादर

Comment by Samar kabeer on May 10, 2018 at 10:32am

जनाब तस्दीक़ अहमद साहिब आदाब,ग़ज़ल में शिर्कत और सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।

मतले के ऊला मिसरे का मफ़हूम बिल्कुल साफ़ है ।

Comment by Samar kabeer on May 10, 2018 at 10:28am

जनाब भाई विजय निकोर जी आदाब,ग़ज़ल में शिर्कत और सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on May 9, 2018 at 9:31pm
  • मुहतरम जनाब समर साहिब आदाब , बहुत ही उम्दा ग़ज़ल हुई है ,मुबारक बाद क़ुबूल फरमायें। मतले के उला मिसरे का मफ़हूम साफ़ नहीं लग रहा है , "मानी याद आएगी " क़ाफिये का मेल रदीफ़ से , देखियेगा। ---सादर
Comment by vijay nikore on May 9, 2018 at 8:37pm

गज़ल पढ़ कर बहुत लुत्फ़ आया। लगता है, आप किसी भी बात पर खूबसूरत गज़ल लिख सकते हैं।दिल से मुबारक आपको, भाई समर जी।

Comment by Samar kabeer on May 9, 2018 at 4:57pm

जनाब राम शिरोमणि जी आदाब,सुख़न नवाज़ी के लिए बहुत बहुत शुक्रिया ।

Comment by ram shiromani pathak on May 9, 2018 at 4:38pm

बहुत ही सुंदर आदरणीय।।बधाई

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय मंच संचालक जी , मेरी रचना  में जो गलतियाँ इंगित की गईं थीं उन्हे सुधारने का प्रयास किया…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 178 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत छंदों की सराहना हेतु आपका हार्दिक आभार.…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, प्रस्तुत रोला छंदों पर उत्साहवर्धन हेतु आपका…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"    आदरणीय गिरिराज जी सादर, प्रस्तुत छंदों की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार. सादर "
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश जी छंदों पर उपस्थिति और प्रशंसा के लिये हार्दिक आभार "
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय गिरिराज जी छंदों पर उपस्थित और प्रशंसा के लिए हार्दिक आभार "
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक जी छंदों की  प्रशंसा और उत्साहवर्धन के लिये हार्दिक आभार "
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक आभार आदरणीय मयंक कुमार जी"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
" छंदों की प्रशंसा के लिये हार्दिक आभार आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"    गाँवों का यह दृश्य, आम है बिलकुल इतना। आज  शहर  बिन भीड़, लगे है सूना…"
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ भाईजी,आपकी टिप्पणी और प्रतिक्रिया उत्साह वर्धक है, मेरा प्रयास सफल हुआ। हार्दिक धन्यवाद…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service