For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अस्थिशेष

अस्थिशेष (अतुकांत)

श्रम में तन्मय
अस्थिशेष
बस एक लक्ष्य
बस एक ध्येय
अपना काम
स्वप्न वैभव से दूर
मन तरंग पर हो सवार
कर्म को कर अवधार्य
लघुता का नहीं भार l
कहने को गगनचुंबी अट्टालीकाएँ
अनमोल झरोखे
रंग रोगन रूवाब
झिलमिलाती बत्तियां
मीठे ख्वाब
कंचन सी चमक दमक
ऐसो आराम
बेफिक्र मन प्रमन l
क्या पता ?
सुदूर विजन में
अम्बर तले
एक अदना सा
बेरूप बेनाम
सुखाता चाम
तापता घाम अनवरुद्ध
धूसर बदन ,अव्यक्त व्यथित मन
क्षुधा पिपासा क्षीण आशा
वक्त झंझा से टकराता
सुबह से शाम
दे रहा पैगाम
बस एक लक्ष्य, बस एक ध्येय
अपना काम ll

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 544

Facebook

You Might Be Interested In ...

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by डॉ छोटेलाल सिंह on May 8, 2018 at 9:04pm

आदरणीय श्याम नारायण वर्मा जी आपके उत्साह वर्धन से मन प्रसन्न हुआ बहुत बहुत आभार 

Comment by डॉ छोटेलाल सिंह on May 8, 2018 at 9:02pm

आदरणीय मिहित जी आपने मार्ग दर्शन किया उत्साह बढ़ाया इसके लिए बहुत बहुत आभार

Comment by डॉ छोटेलाल सिंह on May 8, 2018 at 9:01pm

भाई सुरेन्द्र जी आपने उत्साह वर्धन किया मन प्रसन्न हुआ बहुत बहुत आभार प्रकट करता हूं

Comment by डॉ छोटेलाल सिंह on May 8, 2018 at 8:59pm

आदरणीय समर साहब जी आपके उत्साह वर्धन से सीना चौड़ा हो जाता है दिल में उमंग बढ़ जाता है आपकी हौसलाफजाई औषधि का काम करती है ,आपका बहुत बहुत आभार

Comment by नाथ सोनांचली on May 7, 2018 at 5:51pm

आद0 डॉ भैया सादर अभिवादन। बढिया अतुकांत लिखा आपने। इस प्रस्तुति पर मेरी बधाई स्वीकार कीजिये।

Comment by Samar kabeer on May 6, 2018 at 11:22am

जनाब डॉ.छोटेलाल जी आदाब,बढ़िया अतुकान्त कविता हुई है,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

Comment by डॉ छोटेलाल सिंह on May 5, 2018 at 6:09pm

दिल से आभार आपका सादर आदरणीय

Comment by Shyam Narain Verma on May 5, 2018 at 11:33am
इस सुंदर प्रस्तुति के लिए तहे दिल बधाई सादर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहे -रिश्ता
"आदरनीय लक्ष्मण भाई  , रिश्तों पर सार्थक दोहों की रचना के लिए बधाई "
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . विरह शृंगार
"आ. सुशील  भाई  , विरह पर रचे आपके दोहे अच्छे  लगे ,  रचना  के लिए आपको…"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहीं खो गयी है उड़ानों की जिद में-गजल
"आ. भाई चेतन जी सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति के लिए हार्दिक धन्यवाद।  मतले के उला के बारे में…"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहीं खो गयी है उड़ानों की जिद में-गजल
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति के लिए आभार।"
1 hour ago
Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . विरह शृंगार
"आ. सुशील  सरना साहब,  दोहा छंद में अच्छा विरह वर्णन किया, आपने, किन्तु  कुछ …"
4 hours ago
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहीं खो गयी है उड़ानों की जिद में-गजल
"आ.आ आ. भाई लक्ष्मण धामी मुसाफिर.आपकी ग़ज़ल के मतला का ऊला, बेबह्र है, देखिएगा !"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहीं खो गयी है उड़ानों की जिद में-गजल
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , ग़ज़ल के लिए आपको हार्दिक बधाई "
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी and Mayank Kumar Dwivedi are now friends
Monday
Mayank Kumar Dwivedi left a comment for Mayank Kumar Dwivedi
"Ok"
Sunday
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहे -रिश्ता
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी रिश्तों पर आधारित आपकी दोहावली बहुत सुंदर और सार्थक बन पड़ी है ।हार्दिक बधाई…"
Apr 1
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"तू ही वो वज़ह है (लघुकथा): "हैलो, अस्सलामुअलैकुम। ई़द मुबारक़। कैसी रही ई़द?" बड़े ने…"
Mar 31
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"गोष्ठी का आग़ाज़ बेहतरीन मार्मिक लघुकथा से करने हेतु हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह…"
Mar 31

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service