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ग़ज़ल( उठ न जाए क़ियामत नये साल में )

ग़ज़ल( उठ न जाए क़ियामत नये साल में )
------------------------------------------------------
( फाइलुन--फाइलुन--फाइलुन--फाइलुन)

उन पे आई बुलूगत नये साल में |
उठ न जाए क़ियामत नये साल में |

भूल बैठे पुरानी अदावत को वो
देख कर मेरी मिन्नत नये साल में |

बाग़बाने चमन ज़ुल्म से बाज़ आ
वरना होगी बग़ावत नये साल में |

दिल में घर कर नहीं पाएँ शिकवे कभी
डालिए एसी आदत नये साल में |

राह तकता हूँ मुद्दत से इस आस पर
वो करेंगे इनायत नये साल में |

मिल न पाए वो पिछ्ले बरस क्या हुआ
आज़माएँगे क़िसमत नये साल में |

हो गई ईद तस्दीक़, एसा लगा
देख कर उनकी सूरत नये साल में |

बुलूगत ---जवानी , मिन्नत --खुशामद

(मौलिक व अप्रकाशित )

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Comment by Tasdiq Ahmed Khan on January 1, 2018 at 6:28pm

मुहतरम जनाब आरिफ साहिब आदाब ,ग़ज़ल में आपकी शिरकत और हौसला अफ़ज़ाई का तहे दिल से बहुत बहुत शुक्रिया ।  मेरी तरफ से आपको नया साल मुबारक हो 

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on January 1, 2018 at 6:26pm

जनाब सुरेन्द्र नाथ साहिब ,ग़ज़ल में आपकी शिरकत और हौसला अफ़ज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया।। आपको भी नया साल बहुत बहुत मुबारक हो ।

Comment by Mohammed Arif on January 1, 2018 at 2:10pm

आदरणीय तस्दीक़ अहमद जी आदाब,

                              नये साल के तोहफे के रूप में बहुत ही बढ़िया अश'आर से सुसज्जित ग़ज़ल । दिली मुबारकबाद कुबूल करें । नववर्ष की मुबारकबाद ।

Comment by नाथ सोनांचली on January 1, 2018 at 1:57pm

आद0 तस्दीक अहमद खान जी सादर अभिवादन। बेहतरीन ग़ज़ल कही आपने। नव वर्ष की शुभकामनाओं संग बहुत बहुत बधाई आपको। खास तौर से इस शैर पर अतिरिक्त तालियाँ

हो गई ईद तस्दीक़, एसा लगा 
देख कर उनकी सूरत नये साल में |

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on January 1, 2018 at 12:52pm

।मुहतरम जनाब अजय साहिब ,आपकी ग़ज़ल में शिरकत और हौसला अफ़ज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया।

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on January 1, 2018 at 12:51pm

जनाब सलीम रज़ा साहिब ,ग़ज़ल पर आपकी खूबसूरत प्रतिक्रिया और हौसला अफ़ज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया।

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on January 1, 2018 at 12:49pm

जनाब राम शिरोमणि साहिब ,ग़ज़ल में आपकी शिरकत और हौसला अफ़ज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया।

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on January 1, 2018 at 12:48pm

मुहतरम जनाब शेख़ शहज़ाद साहिब ,ग़ज़ल में आपकी शिरकत और हौसला अफ़ज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया ।। आपको ,ओ बी ओ के सभी मेंबर और ओहदेदारों को नए साल की बहुत बहुत मुबारकबाद ।

Comment by Ajay Tiwari on January 1, 2018 at 10:30am

आदरणीय तस्दीक साहब, खूबसूरत ग़ज़ल हुई है. हार्दिक बधाई.

नया साल मुबारक हो!

सादर    

Comment by SALIM RAZA REWA on January 1, 2018 at 10:08am
वाह... क्या कहने खूबसूरत ग़ज़ल... बुलूगत का जबाब नहीं..
हो गई ईद तस्दीक़, एसा लगा
देख कर उनकी सूरत नये साल में | मुबारक़बाद

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