For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सनम तुझसे ही जाता है वो मेरा रास्ता होकर (ग़ज़ल 'राज )

1222   1222  1222  1222 

हक़ीक़त की जुबाँ होकर सदाक़त की सदा होकर 
मिला क्या  जिंदगी तुझको बता यूँ आइना होकर 

उड़ा कर ले गई आँधी सभी अरमाँ सभी सपने 
लुटे हम तो ज़माने  में मुहब्बत के ख़ुदा होकर 

मुहब्बत के चमन में गुल मुक़द्दस खिल नहीं पाये 
तगाफ़ुल और रुसवाई मिली बस बावफ़ा होकर 

तआरुफ अब मिला जाकर हमें अपनी मुहब्बत का 
बनेगी दास्तां सच्ची फ़क़त अब तो फ़ना होकर 

हुई सब आम वो बातें जिन्होंने लांघ दी चौखट 
तमाशा बन गये आँसू इन आंखों से जुदा होकर 

नुमाइश मेरे जख़्मों की जहाँ जिस गाह पर होगी 
सनम तुझसे ही जाता है वो मेरा रास्ता होकर 

बचे अपनी मुहब्बत के फसुर्दा फूल बरसाना 
तेरे कूचे से जब गुजरे जनाज़ा ये मेरा होकर

 

अभी तक याद है हमको तुम्हारा वो नया चेह्रा  

मिले तुम  मुख्तलिफ़ अंदाज़ में जब आशना होकर

मौलिक एवं अप्रकाशित 

Views: 1218

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on January 7, 2018 at 5:52pm

आद० महेंद्र कुमार जी ,आपको ग़ज़ल पसंद आई दिल से बहुत बहुत शुक्रिया आपका .

Comment by Mahendra Kumar on December 27, 2017 at 10:01am

उम्दा ग़ज़ल है आ. राजेश मैम. हर शेर लाजवाब है. ढेर सारी बधाई स्वीकार कीजिए. सादर.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on December 26, 2017 at 8:54pm

आद० लक्ष्मण धामी भैया ,आपको ग़ज़ल पसंद आई आपका तहे दिल से शुक्रिया .


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on December 26, 2017 at 8:54pm

आद० सुरेन्द्र नाथ भैया ,ग़ज़ल पर शिरकत और सुखन नवाज़ी का दिल से शुक्रिया .


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on December 26, 2017 at 8:53pm

आद० नादिर खान जी ,आपको ग़ज़ल पसंद आई आपका तहे दिल से शुक्रिया .

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on December 26, 2017 at 11:17am

आ. राजेश दी, सुंदर गजल हुई है । हार्दिक बधाई ।

Comment by नाथ सोनांचली on December 26, 2017 at 9:38am

आदरणीया  बहन राजेश कुमारी जी खूबसूरत गज़ल के लिए आपको बहुत बहुत दाद और मुबारकबाद। आपके  ग़ज़ल के हवााले  जो ज्ञान की बारिश की गुनिजनो के द्वारा। हुई। हमे भी फायदा हुआ। शुक्रिया सादर

Comment by नादिर ख़ान on December 25, 2017 at 9:31pm

आदरणीया  राजेश कुमारी जी खूबसूरत गज़ल के लिए आपको बहुत बहुत मुबारकबाद ... गुणीजनों ने जो ज्ञान की बारिश की उससे मालूमात में इज़ाफ़ा हुआ उनका बहुत शुक्रिया ...


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on December 25, 2017 at 9:15pm

मोहतरम जनाब तस्दीक अहमद साहब , आपको ग़ज़ल पसंद आई आपका बहुत बहुत शुक्रिया 

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on December 25, 2017 at 8:23pm

मुहतर्मा राजेश कुमारी साहिबा ,उम्दा ग़ज़ल हुई है ,मुबारकबाद क़ुबूल फरमायें।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Nilesh Shevgaonkar replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"ऐसे😁😁"
5 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"अरे, ये तो कमाल  हो गया.. "
6 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय नीलेश भाई, पहले तो ये बताइए, ओबीओ पर टिप्पणी करने में आपने इमोजी कैसे इंफ्यूज की ? हम कई बार…"
6 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आपके फैन इंतज़ार में बूढे हो गए हुज़ूर  😜"
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आदरणीय लक्ष्मण भाई बहुत  आभार आपका "
9 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है । आये सुझावों से इसमें और निखार आ गया है। हार्दिक…"
10 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, उत्साहवर्धन और अच्छे सुझाव के लिए आभार। पाँचवें…"
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आदरणीय सौरभ भाई  उत्साहवर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार , जी आदरणीय सुझावा मुझे स्वीकार है , कुछ…"
11 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल पर आपकी उपस्थति और उत्साहवर्धक  प्रतिक्रया  के लिए आपका हार्दिक…"
11 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, आपकी प्रस्तुति का रदीफ जिस उच्च मस्तिष्क की सोच की परिणति है. यह वेदान्त की…"
12 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, यह तो स्पष्ट है, आप दोहों को लेकर सहज हो चले हैं. अलबत्ता, आपको अब दोहों की…"
12 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय योगराज सर, ओबीओ परिवार हमेशा से सीखने सिखाने की परम्परा को लेकर चला है। मर्यादित आचरण इस…"
12 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service