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लघुकथा – गप्पी पुत्तू -

लघुकथा – गप्पी पुत्तू -

वैसे  असल नाम तो उसका पुरुषोताम दास था , मगर वह गप्पी इतना तगड़ा था कि सारा गाँव उसे गप्पी पुत्तू कह कर बुलाता था। माँ बाप उसकी इस आदत से इतने परेशान थे कि पूछिये मत।

हर दूसरे दिन स्कूल से माँ बाप को बुलावा आता रहता था। पहली बात तो यह कि वह स्कूल जाता ही बड़ी मुश्किल से था। और कोई ना कोई बहाना बना कर भाग आता था। सारे अध्यापक उसकी आदतों से दुखी थे।

पूरे गाँव में ऐसा कोई नहीं था जो उससे खुश हो। हर कोई उसकी गप्प बाज़ी का शिकार बन चुका था। क्योंकि वह झूठ को ऐसी चाशनी में घोल कर पेश करता था कि हर कोई उसके जाल में फ़ंस जाता था|

बड़ी मुश्किलों से दसवीं कक्षा तक पहुंचा, लेकिन वहीं पर अटक गया।तीन साल लगातार फेल हुआ। परिवार वालों ने डाँट डपट की तो घर छोड़ कर भाग गया।

दादाजी यह सदमा नहीं झेल सके तो स्वर्गवासी हो गये। अखबार में इश्तिहार दिया लेकिन  पुत्तू नहीं लौटा। जगह जगह, मिलने जुलने वालों के यहाँ तलाश किया, लेकिन कुछ पता नहीं चला।

उसकी इस करतूत से माँ को सबसे अधिक  धक्का लगा और बिस्तर पकड़ लिया।

धीरे धीरे परिवार वाले उसे भूल गये |

आज अचानक   पुत्तू के बापू चहकते हुये घर में घुसे,"अरे सुनती हो भाग्यवान| कमाल हो गया"?

" क्या हो गया? इतना बबाल क्यों मचा रहे हो हो"?

"अरी बावरी देख तेरे  पुत्तू की फोटो छपी है अखबार में"?

" सच बताओ| मुझे लगता है , कोई बड़ा काँड कर दिया उसने"?

"अरे नहीं, तेरा नाम रोशन कर दिया तेरे  पुत्तू ने"?

"क्यों इस बुढ़ापे में  मसखरी करते हो"?

"मसखरी  नहीं, यह एक दम सोलह आने सच है। अपना पुत्तू अपने देश का बहुत बड़ा नेता बन गया है"।

मौलिक एवम अप्रकाशित

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Comment by TEJ VEER SINGH on December 13, 2017 at 10:10am

हार्दिक आभार आदरणीय सुरेन्द्र नाथ सिंह 'कुशक्षत्रप  जी।

Comment by TEJ VEER SINGH on December 13, 2017 at 10:09am

हार्दिक आभार आदरणीय समर क़बीर साहब जी।आदाब।

Comment by TEJ VEER SINGH on December 13, 2017 at 10:08am

हार्दिक आभार आदरणीय राहिला आसिफ़ जी।

Comment by नाथ सोनांचली on December 11, 2017 at 4:47am

आद0 तेजवीर जी सादर अभिवादन। बढ़िया कटाक्ष करती लघुकथा, जो गप्प मारने और पढ़ने में नक्कारा, वो देश का सबसे बड़ा नेता, वाह। बधाई स्वीकार कीजिये, इस लघुकथा पर।

Comment by Samar kabeer on December 5, 2017 at 3:21pm

जनाब तेजवीर सिंह जी आदाब,बहुत बढ़िया लघुकथा,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें  

Comment by Rahila on December 5, 2017 at 3:04pm

वाह...रचना ने आज का समय खूब पकड़ा।"गप्पी पुत्तू" ने खूब निशाना साधा।बहुत  मुबारक।

Comment by TEJ VEER SINGH on December 5, 2017 at 12:49pm

हार्दिक आभार आदरणीय रक्षिता सिंह जी।

Comment by रक्षिता सिंह on December 5, 2017 at 12:28pm

आदरणीय वीर जी, 

बहुत ही बढिया लघुकथा, आजकल के नेता भी गप्पी पुत्तू का किरदार निभा रहे हैं।

बहुत बहुत मुबारकबाद।

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