For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कविता--उम्मीद की कुनकुनी धूप

लो फिर आ गई !
नए साल के स्वागत में
उम्मीद की कुनकुनी धूप
भरोसे की मुँडेर पर
आशा-आकांक्षा की परियाँ भी
धीरे-धीरे उतरेंगी धैर्य के आँगन में
नई सोच का बाज़ीगर
सजाएगा नये-नये सपनें
जमा है जो तुम्हारे पास
अडिग विश्वास की पूँजी
अब उसे खर्च करना होगा
नये साल में मितव्ययिता के साथ
नया साल आहिस्ता-आहिस्ता
आज़माएगा तुम्हें
सावधान !! डरना नहीं
धारण कर लो अपना
फौलादी इरादों वाला कवच
जो तुमने गढ़ा है श्रम से ।

मौलिक एवं अप्रकाशित ।

Views: 836

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Mohammed Arif on December 8, 2017 at 8:31pm

बहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीय सलीम रज़ा साहब ।

Comment by SALIM RAZA REWA on December 8, 2017 at 7:57am
जनाब आरिफ साहब, नए साल की कविता और अडवांस में नए साल की मुबारक़बाद,
Comment by Mohammed Arif on December 7, 2017 at 7:36am

बहुत-बहुत आभार आदरणीय कालीपद प्रसाद जी । लेखन सार्थक हुआ ।

Comment by Kalipad Prasad Mandal on December 6, 2017 at 8:17pm

आ मोहम्मद आरिफ साहिब , इस बहुत सुन्दर अतुकांत कविता के लिए हार्दिक बधाई 

Comment by Mohammed Arif on December 6, 2017 at 2:23pm

आली जनाब मोहतरम समर कबीर साहब , आदरणीय अजय तिवारी जी , आदरणीय तस्दीक़ अहमद साहब , आदरणीय अमोद श्रीवास्तव जी , आदरणी अफरोज़ सहर जी आप सभी हार्दिक  आभार । आपकी प्रतिक्रिया से लेखन सार्थक हो गया ।

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on December 5, 2017 at 7:55pm

जनाब आरिफ साहिब आदाब ,सुन्दर और सशक्त कविता हुई है ,मुबारकबाद क़ुबूल फरमायें।

Comment by Ajay Tiwari on December 5, 2017 at 3:26pm

आदरणीय आरिफ साहब,

इस खूबसूरत काव्य-प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाईयाँ.

सादर 

Comment by Samar kabeer on December 5, 2017 at 3:19pm

जनाब मोहम्मद आरिफ़ साहिब आदाब,बहुत सुंदर और सशक्त प्रस्तुति,बहुत बहुत बधाई स्वीकार करें ।

Comment by amod shrivastav (bindouri) on December 5, 2017 at 10:06am

 बेहद कसी हुई प्रस्तुति। ढेरों बधाई आदरणीय

Comment by Afroz 'sahr' on December 5, 2017 at 8:36am
वाह वाह बहुत ख़ूब जनाब मो.आरिफ़ साहिब इस सुंदर कविता के लिए आपको ढेरों बधाई,,,,

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"हार्दिक स्वागत मुहतरम जनाब दयाराम मेठानी साहिब। विषयांतर्गत बढ़िया उम्दा और भावपूर्ण प्रेरक रचना।…"
1 hour ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
" जय/पराजय कालेज के वार्षिकोत्सव के अवसर पर अनेक खेलकूद प्रतियोगिताओं एवं साहित्यिक…"
1 hour ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"हाइमन कमीशन (लघुकथा) : रात का समय था। हर रोज़ की तरह प्रतिज्ञा अपने कमरे की एक दीवार के…"
2 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आदाब। हार्दिक स्वागत आदरणीय विभारानी श्रीवास्तव जी। विषयांतर्गत बढ़िया समसामयिक रचना।"
2 hours ago
vibha rani shrivastava replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
""ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123विषय : जय/पराजय आषाढ़ का एक दिन “बुधौल लाने के…"
8 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आदाब। हार्दिक स्वागत आपकी रचना का। प्रदत्त विषयांतर्गत बेहद भावपूर्ण और विचारोत्तेजक कथानक व कथ्य…"
10 hours ago
रक्षिता सिंह replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"सादर प्रणाम, आदरणीय ।"
22 hours ago
रक्षिता सिंह replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"सुन, ससुराल में किसी से दब के रहने की कोई ज़रूरत नहीं है। अरे भाई, हमने कोई फ्री में सादी थोड़ी की…"
22 hours ago
Nilesh Shevgaonkar shared their blog post on Facebook
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"स्वागतम"
yesterday
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"आदरणीय गजेंद्र जी, हृदय से आभारी हूं आपकी भावना के प्रति। बस एक छोटा सा प्रयास भर है शेर के कुछ…"
yesterday
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"इस कठिन ज़मीन पर अच्छे अशआर निकाले सर आपने। मैं तो केवल चार शेर ही कह पाया हूँ अब तक। पर मश्क़ अच्छी…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service