For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

***हरी कलम***(लघुकथा)राहिला

"क्यों मिश्रा जी!आजकल किस क्षेत्र में सीजन चल रहा है।"
मेज पर फ़ाइल रखने आये बाबू से उन्होंने पूछा ।साहब का आशय समझ, वह टेढ़ी मुस्कान के साथ बोला-
"साहब!त्योहार तो बचे नहीं,लेकिन एक तहसील में कमलेश्वर भगवान के मंदिर चला जा सकता है।"
"अच्छा...! क्यों, वहाँ क्या हो रहा है ?"
"साहब!स्थानीय मेला लगा है।और कम से कम दस विद्यालय हैं उस क्षेत्र में ।"
"दस तो काफी हैं।"
कहते हुए हरियाली की चकाचौंध उनकी आँखों में कौंध गयी।
"नहीं साहब!दस में से सिर्फ चार पर ही जा पाएंगे,बाक़ी पर तो अपने ही लोग....हें..हें.. हें।"
उसने दोनों मुट्ठियों को आपस में मसलते हुए खींसें निपोरी ।
"अरे यार! फिर तो बेकार है।" आवाज़ में मायूसी का पुट था।
"नहीं साहब जी ! इंतेजाम तो बाकी से भी अच्छा खासा हो जायेगा। ठेठ गाँव का मेला है। मास्टर चाहे भी तो विद्यालय में बच्चों की उपस्तिथि दर्ज नहीं करा सकता । बस ...!"कहकर उसने फिर खींसे निपोरी।
" अच्छा...!तो फिर निकलवाओ गाड़ी ।"कहते हुए उन्होंने हरी कलम जेब में रख ली।

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 759

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on November 21, 2017 at 1:53pm

बहुत अच्छा कटाक्ष ..अच्छी लघु कथा राहिला जी बहुत बहुत बधाई 

Comment by Rahila on November 20, 2017 at 12:12pm
बहुत शुक्रिया आदरणीय अहमद साहब!सादर
Comment by Tasdiq Ahmed Khan on November 20, 2017 at 8:30am
मुहतर्मा राहिला साहिबा ,उम्दा लघुकथा हुई है ,मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं
Comment by Rahila on November 19, 2017 at 7:05pm
आदरणीय सुरेन्द्र जी!इतनी सुंदर टिप्पणी देने के लिए एवं रचना के मर्म को समझने के आपका तहे दिल से शुक्रिया।सादर
Comment by Rahila on November 19, 2017 at 7:02pm
आदरणीय कबीर साहब!हौसला अफजाई के लिए एवं रचना को सराहने के लिए बहुत शुक्रिया।सादर
Comment by Rahila on November 19, 2017 at 6:43pm
आदरणीय नीता दी !सराहना लिए एवं रचना को पसंद कर ने के लिए बहुत शुक्रिया।सादर
Comment by Rahila on November 19, 2017 at 6:41pm
आदरणीय उस्मानी जी!प्रथम टिप्पणी देने के लिए एवं रचना को सराहने के लिए बहुत शुक्रिया।सादर
Comment by नाथ सोनांचली on November 19, 2017 at 2:40pm
आद0 राहिला जी सादर अभिवादन, बढ़िया लघुकथा, वाकई में आज कल जो शिक्षा विभाग में चल रहा है, उसपर् सटीक व्यंग कसती यह लघुकथा है। बधाई आपको इस प्रस्तुति पर।
Comment by Samar kabeer on November 19, 2017 at 11:56am
मोहतरमा राहिला जी आदाब,उम्दा लघुकथा,बधाई स्वीकार करें ।
Comment by Nita Kasar on November 18, 2017 at 9:26pm
तिकड़मबाज अपनी स्वार्थसिद्धी कर ही लेते है ।बधाई कथा के लिये आद० राहिला जी ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण धामी जी "
15 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं । हार्दिक बधाई।"
17 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"सादर नमस्कार आदरणीय।  रचनाओं पर आपकी टिप्पणियों की भी प्रतीक्षा है।"
Friday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी।नमन।।"
Friday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय तेजवीर सिंह जी।नमन।।"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बहुत ही भावपूर्ण रचना। शृद्धा के मेले में अबोध की लीला और वृद्धजन की पीड़ा। मेले में अवसरवादी…"
Friday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"कुंभ मेला - लघुकथा - “दादाजी, मैं थक गया। अब मेरे से नहीं चला जा रहा। थोड़ी देर कहीं बैठ लो।…"
Friday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय मनन कुमार सिंह जी, हार्दिक बधाई । उच्च पद से सेवा निवृत एक वरिष्ठ नागरिक की शेष जिंदगी की…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बढ़िया शीर्षक सहित बढ़िया रचना विषयांतर्गत। हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह जी।…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"रचना पटल पर उपस्थिति और विस्तृत समीक्षात्मक मार्गदर्शक टिप्पणी हेतु हार्दिक धन्यवाद आदरणीय तेजवीर…"
Friday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"जिजीविषा गंगाधर बाबू के रिटायर हुए कोई लंबा अरसा नहीं गुजरा था।यही दो -ढाई साल पहले सचिवालय की…"
Friday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी साहब जी , इस प्रयोगात्मक लघुकथा से इस गोष्ठी के शुभारंभ हेतु हार्दिक…"
Friday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service