For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल - जो तेरे इश्क़ की खुमारी है,

जो तेरे इश्क़ की खुमारी है,

हमने तो रूह में उतारी है,

दर्द पलकों से टूट बिखरा है,

इन दिनों ग़म से मेरी यारी है,

तू मेरी सांस में उतर आया,

इश्क़ है या कोई बीमारी है ,

तू निगाहों में या कि दिल में रहे,

मेरी मुझसे ही जंग जारी है,

वस्ल के नाम नींद को रख कर,

हमने शब आँख में गुजारी है !!अनुश्री!!

मौलिक व् अप्रकाशित

Views: 677

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Anita Maurya on October 25, 2017 at 7:25pm

Samar kabeer  साहब, अभी अभी शेर कहने की शुरुवात की है, आप सब का साथ और हौसला रहा तो बेहतर कह पाऊँगी .. 

Comment by Anita Maurya on October 25, 2017 at 7:20pm

Ravi Shukla जी इतनी महत्वपूर्ण जानकारी के लिए आपका बहुत बहुत आभार ... 

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on August 22, 2017 at 8:25pm
अच्छी ग़ज़ल कहने हुई है आदरणीया..बधाई
Comment by Ravi Shukla on August 22, 2017 at 5:38pm

आदरणीय अनिता जी आपकी शायद पहली गजल से रू ब रू हो रहे है गजल के लिये मुबारक बाद हाजिर है । दूसरे शेर मे शायद तकाबुले रदीफ भी है ।

Comment by Samar kabeer on August 21, 2017 at 6:57pm
मोहतरमा अनीता मौर्य जी आदाब,शिल्प कुछ कमज़ोर है, ग़ज़ल का प्रयास अच्छा हुआ है,दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ ।
तीसरे शैर में 'बीमारी'क़ाफ़िया नहीं चलेगा,देखियेगा।
इस मंच पर ग़ज़ल के साथ अरकान लिखने का नियम है,जो आपने नहीं लिखे आगे से ख़याल रखियेगा ।
Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on August 20, 2017 at 9:18pm
बहुत खूब ..हार्दिक बधाई ।
Comment by नाथ सोनांचली on August 18, 2017 at 6:46pm
आद0 अनिता मौर्या जी सादर अभिवादन, खूबसूरत ग़ज़ल पर दाद और मुबारकबाद पेश करता हूँ। सादर
Comment by narendrasinh chauhan on August 18, 2017 at 2:57pm

सुन्दर रचना 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post नूतन वर्ष
"बहुत बहुत आभार आदरणीय लक्ष्मण धामी जी "
9 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170
"आ. भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। दोहों पर मनोहारी प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार।"
yesterday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170
"सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी "
yesterday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170
"सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय लक्ष्मण धामी जी , सहमत - मौन मधुर झंकार  "
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170
"इस प्रस्तुति पर  हार्दिक बधाई, आदरणीय सुशील  भाईजी|"
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170
"विषय पर सार्थक दोहावली, हार्दिक बधाई, आदरणीय लक्ष्मण भाईजी|"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170
"आ. भाईसुशील जी, अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति व उत्साहवर्धन के लिए आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।  इसकी मौन झंकार -इस खंड में…"
Saturday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170
"दोहा पंचक. . . .  जीवन  एक संघर्ष जब तक तन में श्वास है, करे जिंदगी जंग ।कदम - कदम…"
Saturday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  …See More
Saturday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170
"उत्तम प्रस्तुति आदरणीय लक्ष्मण धामी जी ।"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service