For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कब तक मूर्ख बनाएगा (गीतिका/ग़ज़ल 'राज')

2222 2222 ,2222 222

यह  भी खाया वह  भी खाया ,कब तक खाता जाएगा 

एक दिवस तो उगलेगा सब ,कब तक पेट पचाएगा 

 

अपनी ढपली अपना दुखड़ा ,कब तक राग सुनाएगा 

यह  करता हूँ वह करता हूँ ,कब तक ढोल बजाएगा 

 

झूठी बातों झूठे वादों ,से कब तक बहलाएगा 

परख रही है जनता तुझको,कब तक मूर्ख बनाएगा

 

शेर खड़े हैं  दरवाजे पर,छुपकर तू बैठा चूहे 

हिम्मत है तो बाहर आजा,कब तक नाक कटवाएगा 

 

सरहद अपनी जाग रही है ,नजरें तेरी हरकत पर

एक कदम  आगे तू आया,सीधा ऊपर जाएगा   

 

अपनी हद में खूब दहाड़ा,भागा पर  गीदड़ बनकर     

भूल गया इतिहास पुराना,फिर से मुंह की खाएगा 

 

डूब रहा दूजा कोई तू ,हँसता देख किनारे पर 

तेरे दुख में कौन भला कल ,अपना हाथ बढ़ाएगा

 

रिश्ते बनते सदियों में हैं , पल में मत तुम खत्म करो 

आज अगर ये उलझ गए कल, कौन पुनः सुलझाएगा 

 

 धन दौलत का लालच मत कर,साथ नहीं कुछ जाना है 

 खाली हाथ ही आया था तू , खाली हाथ ही जाएगा

मौलिक एवं अप्रकाशित   

Views: 1149

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on August 1, 2017 at 11:47am

आ. राजेश दी , सुंदर गजल हुई है। हार्दिक बधाई स्वीकारें।

Comment by Samar kabeer on August 1, 2017 at 11:06am
'नाक कटाएगा'में ऐब-ए-तनाफ़ुर है ।
Comment by surender insan on August 1, 2017 at 9:35am
आदरणीय राजेश कुमारी जी बहुत ही बढ़िया ग़ज़ल की दिली मुबारक़बाद कबूल करे जी। सभी अशआर बढ़िया हुए है जी। आदरणीया नाक कटाएगा में दोनों क निभ जायेंगे या यह दोष होगा इस पर आप या अन्य गुणीजन रौशनी डाले जी ताकि मैं इस बारे में समझ सकूँ जी। सादर नमन जी।
Comment by Gurpreet Singh jammu on August 1, 2017 at 9:25am

आदरणीया राजेश कुमारी जी,,बहुत खूबसूरत ग़ज़ल हुई है,, मतला विशेषकर बहुत दिलचस्प और मज़ेदार लगा 

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on July 31, 2017 at 8:08pm
बड़ी ही उम्दा ग़ज़ल हुई आदरणीया..सादर
Comment by Samar kabeer on July 31, 2017 at 6:29pm
बहना राजेश कुमारी जी आदाब,बह्र-ए-'मीर'में अच्छी ग़ज़ल हुई है,शैर दर शैर दाद के साथ मुबारकबफ पेश करता हूँ ।

'ख़ाली हाथों ही आया था,ख़ाली हाथों जाएगा'
इस मिसरे में 'ख़ाली हाथ आना,और ख़ाली हाथ जाना'मुहावरा है, इसलिये ये मिसरा यूँ होना चाहिए:-
'ख़ाली हाथ ही आया था तू,ख़ाली हाथ ही जाएगा'
Comment by khursheed khairadi on July 31, 2017 at 12:10pm
लाज़वाब ग़ज़ल आदरणीया, बहुत बहुत बधाई । सादर ।
Comment by khursheed khairadi on July 31, 2017 at 12:09pm
लाज़वाब ग़ज़ल आदरणीया, बहुत बहुत बधाई । सादर ।
Comment by khursheed khairadi on July 31, 2017 at 12:09pm
लाज़वाब ग़ज़ल आदरणीया, बहुत बहुत बधाई । सादर ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"जय-जय "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आपकी रचना का संशोधित स्वरूप सुगढ़ है, आदरणीय अखिलेश भाईजी.  अलबत्ता, घुस पैठ किये फिर बस…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी, आपकी प्रस्तुतियों से आयोजन के चित्रों का मर्म तार्किक रूप से उभर आता…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"//न के स्थान पर ना के प्रयोग त्याग दें तो बेहतर होगा//  आदरणीय अशोक भाईजी, यह एक ऐसा तर्क है…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी, आपकी रचना का स्वागत है.  आपकी रचना की पंक्तियों पर आदरणीय अशोक…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आपकी प्रस्तुति का स्वागत है. प्रवास पर हूँ, अतः आपकी रचना पर आने में विलम्ब…"
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद    [ संशोधित  रचना ] +++++++++ रोहिंग्या औ बांग्ला देशी, बदल रहे…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अशोक जी सादर अभिवादन। चित्रानुरूप सुंदर छंद हुए हैं हार्दिक बधाई।"
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय लक्ष्मण भाईजी  रचना को समय देने और प्रशंसा के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद आभार ।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। चित्रानुसार सुंदर छंद हुए हैं और चुनाव के साथ घुसपैठ की समस्या पर…"
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी चुनाव का अवसर है और बूथ के सामने कतार लगी है मानकर आपने सुंदर रचना की…"
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी हार्दिक धन्यवाद , छंद की प्रशंसा और सुझाव के लिए। वाक्य विन्यास और गेयता की…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service