For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कोई हसरत उफ़ान तक आई

2122 1212 22

बात दिल की जुबान तक आई ।
कोई हसरत उफ़ान तक आई ।।

मैं नहीं बन्द कर रहा कोटा ।
यह बहस संविधान तक आई ।।

हौसले फिर जले सवर्णो के ।
रोशनी आसमान तक आई ।।

फायदा क्या मिला हुकूमत से ।
बस नसीहत लगान तक आयी ।।

मिटती हस्ती को देखता हूँ मैं ।
आंख जब भी रुझान तक आई ।।

यह नदी इंतकाम की खातिर ।
आज हद के निशान तक आई ।।

हक जो मांगा है,औरतों ने कभी ।
रोज चर्चा कुरान तक आई ।।

बूंद भर ही सही मगर स्याही ।
तेरे झूठे गुमान तक आई ।।

तीर बेशक नही चला लेकिन ।
एक उगली कमान तक आई ।।

फंस गई जाल में वही चिड़िया ।
जो थी लम्बी उड़ान तक आई ।।

जुर्म पकड़ा गया है फिर उसका ।
खोज ऊंचे मचान तक आई ।।

खूब बारूद का सिला लेकर ।
कोई आफ़त मकान तक आई ।।

नवीन मणि त्रिपाठी
मौलिक अप्रकाशित

Views: 769

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by बसंत कुमार शर्मा on July 18, 2017 at 4:54pm

बेहतरीन ग़ज़ल के बहुत बहुत मुबारकबाद , वाह वाह वाह 

Comment by Ravi Shukla on July 17, 2017 at 6:24pm
आदरणीय नवीन जी एक अच्छी ग़ज़ल के लिए आपको दिली मुबारकबाद पेश करते हैं कुरान शब्द पर हम आदरणीय समर साहब से सहमत हैं हिंदी में रुझान हमने भी पढ़ा है इसलिए रुझान पर हमारा भी वही मत है जो आपका है हां सियाही शब्द पर हम राय जानना चाहेंगे विद्वज्जन की क्योंकि सही लफ्ज़ सियाही है जिसका वज़्न 122 होने से बह्र खारिज़ हो जाएगी।
Comment by Samar kabeer on July 16, 2017 at 6:38pm
'रुझान'अगर हिन्दी का है तो ठीक है,लेकिन पहले इत्मीनान कर लीजिए,और सही हो तो मुझे भी बताइये,इस शब्द पर गुणीजन भी अपना मत रखें ।
Comment by Naveen Mani Tripathi on July 16, 2017 at 6:25pm
आ0 कबीर साहब कुरआन से सहमत हूँ पर रुझान उर्दू में रुज हान और हिंदी में रुझान है ऐसा लगता है । रुझान सम्भवतः हिंदी शब्द भी है ।
Comment by Naveen Mani Tripathi on July 16, 2017 at 5:14pm
आ0 नरेंद्र सिंह चौहान जी आभार
Comment by Naveen Mani Tripathi on July 16, 2017 at 5:13pm
आ0 मुहम्मद आरिफ साहब सादर आभार।
Comment by Naveen Mani Tripathi on July 16, 2017 at 5:11pm
आ0 गुरु प्रीत सिंह जी सादर आभार ।
Comment by Naveen Mani Tripathi on July 16, 2017 at 5:10pm
आ0 लक्ष्मण धामी सर आभार ।
Comment by Naveen Mani Tripathi on July 16, 2017 at 5:09pm
आ0 समर कबीर सर सादर नमन और आभार ।
Comment by Naveen Mani Tripathi on July 16, 2017 at 5:08pm
आ0 हरि प्रकाश दुबे जी सादर आभार ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"हम सपरिवार बिलासपुर जा रहे है रविवार रात्रि में लौटने की संभावना है।   "
4 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"कुंडलिया छंद +++++++++ आओ देखो मेघ को, जिसका ओर न छोर। स्वागत में बरसात के, जलचर करते शोर॥ जलचर…"
4 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"कुंडलिया छंद *********** हरियाली का ताज धर, कर सोलह सिंगार। यौवन की दहलीज को, करती वर्षा पार। करती…"
4 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"स्वागतम्"
13 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण भाई अच्छी ग़ज़ल हुई है , बधाई स्वीकार करें "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"आदरणीय सुरेश भाई , बढ़िया दोहा ग़ज़ल कही , बहुत बधाई आपको "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीया प्राची जी , ग़ज़ल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका हार्दिक आभार "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"सभी अशआर बहुत अच्छे हुए हैं बहुत सुंदर ग़ज़ल "
Wednesday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

पूनम की रात (दोहा गज़ल )

धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।जगमग है कण-कण यहाँ, शुभ पूनम की रात।जर्रा - जर्रा नींद में ,…See More
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी

वहाँ  मैं भी  पहुंचा  मगर  धीरे धीरे १२२    १२२     १२२     १२२    बढी भी तो थी ये उमर धीरे…See More
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , उत्साह वर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार "
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"आ.प्राची बहन, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार।"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service