For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल नूर की - तेरे सदमे से उबर जाऊँगा,

२१२२/११ २ २/२२ (११२)

.
तेरे सदमे से उबर जाऊँगा,
न उबर पाया तो मर जाऊँगा.
.
अपनी ही मौत का इल्ज़ाम हूँ मैं
क्यूँ किसी ग़ैर के सर जाऊँगा.
.
मेरी बेटी! तू मुझे “भौ” कर के  
जब डरायेगी तो डर जाऊँगा.
.
बूँद रहमत की, फ़क़त एक ही बूँद  
काश बरसे तो मैं तर जाऊँगा.
.
आती सदियों की तलब की ख़ातिर
जाम कुछ “नूर” से भर जाऊँगा.  
.
निलेश "नूर"
.
मौलिक/ अप्रकाशित 

Views: 780

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Nilesh Shevgaonkar on May 25, 2017 at 4:55pm

शुक्रिया आ. सुनील प्रसाद जी 

Comment by सुनील प्रसाद(शाहाबादी) on May 25, 2017 at 3:31pm
वाह क्या बात बेहद खूबसूरती से हल्के में भारी बातों को रख दिया है अपने।
Comment by Nilesh Shevgaonkar on May 25, 2017 at 12:28pm

शुक्रिया आ. डॉ आशुतोष जी 

Comment by Dr Ashutosh Mishra on May 25, 2017 at 9:19am
आदरणीय नीलेश भाई उस सूंदर रचना के बेटी वाले शेर पर बिशेष बधाई सादर
Comment by Nilesh Shevgaonkar on May 24, 2017 at 9:32pm

शुक्रिया आ. अनुराग जी 

Comment by Nilesh Shevgaonkar on May 24, 2017 at 3:59pm

शुक्रिया आ. श्याम नारायण जी 

Comment by Nilesh Shevgaonkar on May 24, 2017 at 3:59pm

  शुक्रिया आ. नरेन्द्र सिंह जी 

Comment by Shyam Narain Verma on May 24, 2017 at 3:04pm
आपकी इस सुंदर प्रस्तुति पर सादर बधाई
Comment by narendrasinh chauhan on May 24, 2017 at 11:41am

खूब सुन्दर रचना 

Comment by Nilesh Shevgaonkar on May 24, 2017 at 10:48am

शुक्रिया आ. गुरप्रीत भाई 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय सर, इस पोस्ट की बहुत ज़रूरत थी। आपका हार्दिक आभार जो आपने स्पष्ट शब्दों में…"
32 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय तिलकराज कपूर सर, ओबीओ की मूल भावना को शब्द देने के लि हार्दिक आभार। वाकई एक व्यक्ति विशेष ने…"
34 minutes ago
Tilak Raj Kapoor replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"सभी सदस्यों को यह बात स्पष्ट रूप से समझ लेना चाहिए कि यह पटल एक व्यवस्था है, व्यक्ति नहीं और किसी…"
3 hours ago
Ashok Kumar Raktale posted a blog post

मनहरण घनाक्षरी

रिश्तों का विशाल रूप, पूर्ण चन्द्र का स्वरूप,छाँव धूप नूर-ज़ार, प्यार होतीं बेटियाँ।वंश  के  विराट…See More
3 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा षष्ठक. . . . आतंक

दोहा षष्ठक. . . .  आतंकवहशी दरिन्दे क्या जानें , क्या होता सिन्दूर ।जिसे मिटाया था किसी ,  आँखों का…See More
3 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-121
"स्वागतम"
8 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey posted a discussion

पटल पर सदस्य-विशेष का भाषयी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178 के आयोजन के क्रम में विषय से परे कुछ ऐसे बिन्दुओं को लेकर हुई…See More
10 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"नीलेश जी, यक़ीन मानिए मैं उन लोगों में से कतई नहीं जिन पर आपकी  धौंस चल जाती हो।  मुझसे…"
Saturday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"आदरणीय मैं नाम नहीं लूँगा पर कई ओबीओ के सदस्य हैं जो इस्लाह  और अपनी शंकाओं के समाधान हेतु…"
Saturday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"आदरणीय  बात ऐसी है ना तो ओबीओ मुझे सैलेरी देता है ना समर सर को। हम यहाँ सेवा भाव से जुड़े हुए…"
Saturday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"आदरणीय, वैसे तो मैं एक्सप्लेनेशन नहीं देता पर मैं ना तो हिंदी का पक्षधर हूँ न उर्दू का। मेरा…"
Saturday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"नीलेश जी, मैंने ओबीओ के सारे आयोजन पढ़ें हैं और ब्लॉग भी । आपके बेकार के कुतर्क और मुँहज़ोरी भी…"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service