For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

विरासत - (लघुकथा)-

विरासत - (लघुकथा)-

सुजाता मैडम पिछले तीन दिन से कक्षा सात के छात्रों को विरासत के मायने समझा रहीं थीl  जो छात्र तेज और मेधावी थे, वे तो पहले रोज ही समझ गये लेकिन अधिकांश छात्र अभी भी इसका वास्तविक मतलब नहीं जान पाये थेl मैडम ने इसे सरल तरीके से समझाने के लिये छात्रों को एक  गृह कार्य दिया कि सभी छात्र अपने परिवार के बुजुर्गों से पूछ कर पिछली तीन पीढ़ियों द्वारा छोड़ी गयी चल और अचल संपत्तियों का व्यौरा लिख कर लायेंl

आज मैडम उस शीर्षक को अंतिम रूप देकर समाप्त कर देना चाह रही थींl लगभग सभी छात्र इस गृह कार्य को पूरा कर लाये थेl मैडम बहुत खुश थींl अब वह हर छात्र को उसके दिये विवरण के अनुसार समझाने  में कामयाब हो रही थींl

मगर एक छात्र काली चरण कोई विवरण नहीं लाया थाl

"क्यों काली चरण, तुम गृह कार्य नहीं किये,कोई खास वज़ह"?

काली चरण सिर झुकाये चुपचाप खड़ा थाl

"काली चरण, जवाब दो,तुम तो अच्छे छात्र हो, सदैव अपना गृह कार्य पूरा करके लाते हो"l

"जी मैडम जी, हमारे अब्बू बताये कि उनके पुरखे  कुछ नहीं छोड़ गये"l

"नहीं कालीचरण, ऐसा कैसे संभव है, कुछ तो अवश्य छोड़ा होगा"l

"जी मैडम, जो अब्बू बोले, वह बोलने में हमको अच्छा नहीं लग रहा"l

"ऐसा नहीं कहते काली चरण, बेझिझक बोलो"l

"अब्बू बोले कि हमारे पुरखे हमारे लिये भूख, गरीबी और ढेर सारी बीमारियाँ  छोड़ गये विरासत में"l

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 892

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by TEJ VEER SINGH on September 6, 2016 at 1:15pm

हार्दिक आभार आदरणीय राहिला जी।

Comment by TEJ VEER SINGH on September 6, 2016 at 1:14pm

हार्दिक आभार आदरणीय वीर मेहता जी।

Comment by TEJ VEER SINGH on September 6, 2016 at 1:14pm

हार्दिक आभार आदरणीय प्रतिभा पांडे जी।लघुकथा पर आपकी टिप्पणी ने मेरा उत्साह वर्धन किया! 

Comment by Rahila on September 6, 2016 at 1:04pm
बहुत शानदार रचना आदरणीय सर जी!ये सही है गरीब इंसान के पुरखे अक्सर ये सब ही विरासत में छोड़ जाते है। बहुत बधाई।सादर
Comment by TEJ VEER SINGH on September 6, 2016 at 11:57am

हार्दिक आभार आदरणीय प्रतिभा पांडे जी।लघुकथा पर आपकी टिप्पणी ने मेरा उत्साह वर्धन किया! 

Comment by VIRENDER VEER MEHTA on September 6, 2016 at 11:03am

भाई  तेजवीर सिंह  जी  विरासत  में  छोड़ी गयी  भूख, गरीबी और ढेर सारी बीमारियाँ के सन्देश को  आपकी  रचना  बहुत  ही अच्छे ढंग  से  सामने लाती  है, हालांकि रचना  का  प्रारम्भ  का कुछ बोझिल  लगता  है  लेकिन फिर  भी रचना  प्रभावी  है ... सादर  बधाई स्वीकार  करे,,, सादर.

Comment by pratibha pande on September 5, 2016 at 7:53pm

  बच्चे के मुख से कडवा सच निकल गया जो हमारे देश में इस तबके के हर दूसरे घर की त्रासदी है ... सधे हुए पर सहज शिल्प में आपने ये कथा कही है ...हार्दिक बधाई प्रेषित है आदरणीय तेज वीर सिंह जी  

Comment by TEJ VEER SINGH on September 5, 2016 at 7:51pm

पुनः आपका हार्दिक आभार आदरणीय समर क़बीर साहब जी।आपके इस नज़रिये और बड़प्पन को सलाम करता हूँ।

Comment by Samar kabeer on September 5, 2016 at 2:39pm
मैने ऐसा नहीं कहा कि "अब्बू"का तखातुब यहां प्रयोग में नहीं लाना चाहिये, जो खटक थी वो आपने दूर कर दी,बेशक बच्चे आस पास के माहौल से असर लेते है,और ये कोई बुरी बात भी नहीं ।
Comment by TEJ VEER SINGH on September 5, 2016 at 1:56pm

हार्दिक आभार आदरणीय महेंद्र कुमार  जी।आपने लघुकथा को समय दिया और सराहा।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। इस मनमोहक छन्दबद्ध उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
3 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
" दतिया - भोपाल किसी मार्ग से आएँ छह घंटे तो लगना ही है. शुभ यात्रा. सादर "
3 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"पानी भी अब प्यास से, बन बैठा अनजान।आज गले में फंस गया, जैसे रेगिस्तान।।......वाह ! वाह ! सच है…"
3 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"सादा शीतल जल पियें, लिम्का कोला छोड़। गर्मी का कुछ है नहीं, इससे अच्छा तोड़।।......सच है शीतल जल से…"
3 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"  तू जो मनमौजी अगर, मैं भी मन का मोर  आ रे सूरज देख लें, किसमें कितना जोर .....वाह…"
3 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"  तुम हिम को करते तरल, तुम लाते बरसात तुम से हीं गति ले रहीं, मानसून की वात......सूरज की तपन…"
3 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"दोहों पर दोहे लिखे, दिया सृजन को मान। रचना की मिथिलेश जी, खूब बढ़ाई शान।। आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी…"
3 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत दोहे चित्र के मर्म को छू सके जानकर प्रसन्नता…"
4 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय भाई शिज्जु शकूर जी सादर,  प्रस्तुत दोहावली पर उत्साहवर्धन के लिए आपका हृदय…"
4 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"आर्ष ऋषि का विशेषण है. कृपया इसका संदर्भ स्पष्ट कीजिएगा. .. जी !  आयुर्वेद में पानी पीने का…"
4 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, प्रस्तुत दोहों पर उत्साहवर्धन के लिए आपका हृदय से…"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार।"
4 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service