For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल मनोज अहसास(इस्लाह के लिए)

2122 2122 2122 212

मुस्कुराहट ही सदा मिलती खता के सामने
सारी दुनिया छोटी है माँ की अदा के सामने

छत नहीं मिलती है जिनको एक ऊँचाई के बाद
गिर भी जाती हैं वो दीवारें हवा के सामने

सिर्फ वो ही ढक सकेगा अपनी खुद्दारी का सर
दौलतें प्यारी नहीं जिसको अना के सामने

जिनकी दहशत से सितम से जल रहा सारा जहां
वो भला क्या मुँह दिखायेगें खुदा के सामने

आसमां सी सोच हो और बात हो ठहरी हुई
फिर ग़ज़ल मंज़ूर होती है दुआ के सामने

तेरे होठों से जो सुन लूँ इश्क में डूबी ग़ज़ल
ये इनायत है बड़ी मेरी वफ़ा के सामने

किस लिए तुम खोलते हो मेरे मर्ज़ो की किताब
नाम उसका ही लिखा है हर दवा के सामने

हर जगह मौजूद रहती जीने की सूरत कोई
आदमी का बस नहीं चलता कज़ा के सामने

मौलिक और अप्रकाशित

Views: 883

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by मनोज अहसास on July 17, 2016 at 9:38pm
आदरणीया राजेश कुमारी जी
सादर नमन
ग़ज़ल पर आपकी प्रतिक्रिया से बहुत ख़ुशी हुई
सादर आभार
Comment by मनोज अहसास on July 17, 2016 at 9:36pm
आदरणीय मेहता जी
बहुत बहुत आभार।
सादर

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 13, 2016 at 10:50am

सिर्फ वो ही ढक सकेगा अपनी खुद्दारी का सर
दौलतें प्यारी नहीं जिसको अना के सामने---बहुत उम्दा शेर 

सुन्दर ग़ज़ल के लिए दाद हाजिर है 

आद० समर भाई जी का सुझाव स्वागत योग्य है 

Comment by जयनित कुमार मेहता on July 12, 2016 at 2:59pm
आदरणीय मनोज जी, बहुत अच्छी ग़ज़ल प्रस्तुत की है आपने। हार्दिक बधाई।
Comment by मनोज अहसास on July 12, 2016 at 2:04pm
आदरणीय गिरिराज सर
शुरू में ये मतला इस सोच के साथ कहा गया था कि बच्चे की गलती पर जब माँ मुस्कुरा देती है तो माँ की इस अदा के सामने सारी दुनिया की अदा छोटी है
मुस्कुराहट ही सदा मिलती खता के सामने
सारी दुनिया छोटी है माँ की(इस) अदा के सामने

अब चूँकि ये बात मुझे भी स्वीकार हो गई है कि अदा शब्द माँ के साथ नहीं लगना चाहिए
तो आदरणीय कबीर साहब द्वारा सुझाया गया शब्द दुआ इस्तेमाल कर लेता हूँ
पर किसी तरह वो भाव भी बचा रहे इसके लिए आप सभी से निवेदन है कुछ इस्लाह देने की कृपा करें
सादर

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on July 12, 2016 at 10:25am

आदरणीय मनोज भाई , अच्छी गज़ल कही है , दिल से बधाइयाँ आपको । आ. समर भाई जी ने सही सलाह दी है , मुझे नही लगता की विचार की कोई ज़रूरत है , फिर भी आप स्वतंत्र हैं ।

Comment by Dr Ashutosh Mishra on July 11, 2016 at 11:23pm
भाई मनोजजी दिल को छू गयी क्या कमाल की सोच ढेर सारी बधाई स्वीकार करें
Comment by मनोज अहसास on July 11, 2016 at 4:04pm
आभार पंकज भाई
सादर
Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on July 11, 2016 at 3:06pm
बहुत खूब मनोज भाई, माँ के साथ दुआ ही सही होगा।
Comment by Ashok Kumar Raktale on July 11, 2016 at 2:06pm

वाह ! बहुत सुंदर अशआर निकालें हैं आदरणीय मनोज कुमार एहसास जी बहुत-बहुत बधाई स्वीकारें इस खूबसूरत गजल के लिए. सादर.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय मंच संचालक जी , मेरी रचना  में जो गलतियाँ इंगित की गईं थीं उन्हे सुधारने का प्रयास किया…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 178 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत छंदों की सराहना हेतु आपका हार्दिक आभार.…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, प्रस्तुत रोला छंदों पर उत्साहवर्धन हेतु आपका…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"    आदरणीय गिरिराज जी सादर, प्रस्तुत छंदों की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार. सादर "
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश जी छंदों पर उपस्थिति और प्रशंसा के लिये हार्दिक आभार "
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय गिरिराज जी छंदों पर उपस्थित और प्रशंसा के लिए हार्दिक आभार "
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक जी छंदों की  प्रशंसा और उत्साहवर्धन के लिये हार्दिक आभार "
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक आभार आदरणीय मयंक कुमार जी"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
" छंदों की प्रशंसा के लिये हार्दिक आभार आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"    गाँवों का यह दृश्य, आम है बिलकुल इतना। आज  शहर  बिन भीड़, लगे है सूना…"
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ भाईजी,आपकी टिप्पणी और प्रतिक्रिया उत्साह वर्धक है, मेरा प्रयास सफल हुआ। हार्दिक धन्यवाद…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service