For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"देश प्रेम" लघुकथा

कमांडर ऑफ़ चीफ़ - "शाबाश राकेश ! तुम्हारा शौर्य पराक्रम अन्य सैनिकों से अलग है । तुम्हारे शौर्य और पराक्रम में जोश है,दीवानगी है,आक्रोश है । वेल डन ।"
राकेश राणा - "यस सर । देश प्रेम मेरा परम धर्म है । देखना एक दिन मैं इस धर्म को निभाकर दिखाऊँगा । माँ को यही वचन देकर आया हूँ ।"
सीमा पर से गोली बारी शुरू हुई और देखते ही देखते युद्ध छिड़ गया । राकेश राणा अंत समय तक लड़ते लड़ते वीर गति को प्राप्त हो गया ।
तिरंगे में लिपटा ताबूत जैसे ही गाँव पहुँचा ,जन सैलाब उमड़ पड़ा । राकेश राणा की माँ शारदा देवी राणा चीख़ चीख़ कर यही कह रहीं थी कि "आज मेरे बेटे ने देश प्रेम का धर्म शहीद होकर निभाया है । मैं भी अपना धर्म निभाऊँगी । अपने बेटे को ख़ुद मुखाग्नि दूँगी ।" सारे गाँव वाले हतप्रभ थे ।

"समर कबीर"
मौलिक/अप्रकाशित

Views: 1049

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on July 12, 2016 at 10:35am

आदरणीय समर भाई , सबसे पहले तो आपको बधाई , आप हर विधा मे कलम चला रहे हैं इस लिये ! देश प्रेम से ओतप्रोत आपकी कथा के लिये आपको हार्दिक बधाइयाँ ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 11, 2016 at 10:52pm

देश भक्ति से ओतप्रोत लघु कथा जाँ बाज बेटे की जाँ बाज माँ ..पंच्च लाइन सिहरन पैदा कर गई |बहुत बहुत मुबारकबाद भाई जी लघु कथाओं में भी कमाल कर रहे हैं आप |

Comment by Samar kabeer on July 11, 2016 at 10:24am
आली जनाब डॉ.विजय शंकर साहिब आदाब,रचना आपको पसन्द आई मेरा लिखना सार्थक हुआ,सराहना के लिये आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।
Comment by Samar kabeer on July 11, 2016 at 10:21am
जनाब शैख़ साहिब,इन्तिज़ार रहेगा,शुक्रिया ।
Comment by Dr. Vijai Shanker on July 11, 2016 at 7:27am
आदरणीय समर कबीर साहब , नमस्कार , प्रेरक लघु-कथा , माँ और पुत्र दोनों के पक्ष से , बधाई , सादर।
Comment by Sheikh Shahzad Usmani on July 10, 2016 at 11:49pm
मोहतरम जनाब समर कबीर साहब पुनः पढ़कर शीघ्र ही चर्चा कर सकते हैं।
Comment by Samar kabeer on July 10, 2016 at 11:22pm
मोहतरमा नीता जी आदाब,रचना की सराहना हेतु आपका बहुत बहुत आभार ।
Comment by Samar kabeer on July 10, 2016 at 11:19pm
मोहतरमा राहिला जी आदाब,रचना की सराहना हेतु आपका बहुत बहुत धन्यवाद ।
Comment by Samar kabeer on July 10, 2016 at 11:18pm
जनाब तस्दीक़ अहमद जी आदाब,रचना की सराहना हेतु आपका बहुत बहुत धन्यवाद ।
Comment by Samar kabeer on July 10, 2016 at 11:17pm
जनाब तेजवीर सिंह जी आदाब,रचना की सराहना हेतु आपका बहुत बहुत धन्यवाद,निवेदन है कि अगर मेरी इस लघुकथा में आपको हलकी सी भी कमी नज़र आई हो तो मुझे ज़रूर बताऐं ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"बच्चों का ये जोश, सँभालो हे बजरंगी भीत चढ़े सब साथ, बात माने ना संगी तोड़ रहे सब आम, पहन कपड़े…"
6 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"रोला छंद ++++++   आँगन में है पेड़, मौसमी आम फले…"
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . .तकदीर
"आदरणीय अच्छे सार्थक दोहे हुए हैं , हार्दिक बधाई  आख़िरी दोहे की मात्रा फिर से गिन लीजिये …"
22 hours ago
सालिक गणवीर shared Admin's page on Facebook
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी's blog post was featured

एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]

एक धरती जो सदा से जल रही है   ********************************२१२२    २१२२     २१२२ एक इच्छा मन के…See More
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]

एक धरती जो सदा से जल रही है   ********************************२१२२    २१२२     २१२२ एक इच्छा मन के…See More
Tuesday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . .तकदीर

दोहा सप्तक. . . . . तकदीर   होती है हर हाथ में, किस्मत भरी लकीर । उसकी रहमत के बिना, कब बदले तकदीर…See More
Tuesday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ छियासठवाँ आयोजन है।.…See More
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आदरणीय  चेतन प्रकाश भाई  आपका हार्दिक आभार "
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आदरणीय बड़े भाई  आपका हार्दिक आभार "
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आभार आपका  आदरणीय  सुशील भाई "
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए हार्दिक आभार।"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service