सबसे पावन, सबसे निर्मल, सबसे सच्चा मां का प्यार
सबसे अनोखा, सबसे न्यारा, सबसे प्यारा मां का प्यार ।
बच्चे को ख़ुश देख-देख के, मन ही मन हंसता रहता
जब संतान पे विपदा आए, तड़प ही उठता मां का प्यार ।
सुख की ठंडी छांव में शीतल पवन के जैसा लहराता
दुख की जलती धूप में सर पे साया बनता मां का प्यार ।
मिल जाएगा यूं तो जग में, कोई विकल्प हर रिश्ते का
बेमिसाल है, लाजवाब है, बड़ा अनूठा मां का प्यार ।
करता शीश झुका कर विनती ’शमसी’ यही विधाता से
जैसे मुझको दिया है, या रब ! सब को देना मां का प्यार ।
---मुईन शम्सी
Comment
जब संतान पे विपदा आए, तड़प ही उठता मां का प्यार ।
bahut sunder panktiyan bhai jee ! shadhuwaad
दुख की जलती धूप में सर पे साया बनता मां का प्यार ।
waah moin jee bahut khoobsurat adayagi badhaae aapko ||
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