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मेरा कलाम मेरी आवाज़ में

ओबीओ पर आप दोस्तों ने मेरा कलाम पढ़कर हमेशा मेरी हौसला-अफ़्ज़ाई की है । आप क़द्रदानों के लिये मैं अपनी ताज़ा ग़ज़ल को, जोकि "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक ११ में शामिल हुई थी, अपनी ख़ुद की आवाज़ में पेश कर रहा हूं । इसे सुनने के लिये नीचे दिये बॉक्स के प्ले बटन को क्लिक करें :

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Comment by Brij bhushan choubey on August 5, 2011 at 11:43am

lazvab....aavaz..or prastuti .

Comment by राज लाली बटाला on August 1, 2011 at 1:36am

Bahut khoob !! Moin ji !! keep it up !!

Comment by moin shamsi on June 6, 2011 at 9:03pm
vivek Tahir ji, thnx a lot.
Comment by moin shamsi on June 6, 2011 at 9:01pm
विवेक जी ! "ट्राई" ? अजी मैं आकाशवाणी से अप्रूव्ड वॉयस-आर्टिस्ट हूं । और अधिक जानना चाहें तो फ़ेसबुक पर मुलाक़ात कीजिये, ख़ूब बातें करेंगे । यहां पर्सनल बातें करना ठीक नहीं है । ऐडमिन जी नाराज़ होंगे ।
Comment by विवेक मिश्र on June 6, 2011 at 8:12pm
ग़ज़ल सुनने के बाद यही निकला 'वाह-वाह..!' आप 'रेडिओ जॉकी' के लिए ट्राई क्यों नहीं करते? :)
Comment by moin shamsi on June 4, 2011 at 9:30pm
dhanyawad preetam ji aur kanchan ji !
Comment by moin shamsi on June 3, 2011 at 8:29pm
ashish ji, arun ji, dhanyawaad.
Comment by Abhinav Arun on June 3, 2011 at 11:21am
nice one congrats !!
Comment by आशीष यादव on June 2, 2011 at 10:52am
damdaar aawaz, khusurat ghazal. badhai.
Comment by moin shamsi on June 1, 2011 at 10:52pm
admin ji, arvind ji tathaa sabhi dosto, thanx a lot.

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