For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गज़ल - जिन्दगी का सफ़र खूब है

जिन्दगी का सफर खूब है,

मैं हूँ तनहा , मगर खूब है.

 

जिन्दगी कट रही शान से ,

ये सुहाना सफ़र खूब है .

 

क्या कहूँ मैं शबे-वस्ल को,

वो जगा रात भर खूब है.

 

प्यार की इंतिहा हो गई,

बेकरारी उधर खूब है .

 

हर दिशा में चमकता रहा ,

ये गणित का सिफर खूब है.

 

खार के साथ हैं फूल भी, ,

 कंटकों की डगर खूब है

 

मानता हूँ मैं "आभा"तुझे,

वाह! तेरी नज़र खूब है.

 

....आभा

(मौलिक और अप्रकाशित)

 

 

Views: 831

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by बशर भारतीय on May 24, 2016 at 3:01pm
आ. आभा जी अच्छी ग़ज़ल है बधाई आपको
Comment by जयनित कुमार मेहता on May 23, 2016 at 9:52pm
आदरणीया आभा जी,
सुन्दर ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई आपको।
Comment by kanta roy on May 23, 2016 at 4:53pm
हर अशआर बहुत सुंदर बने है गजल के , बधाई आपको आदरणीया आभा जी !
Comment by रोहिताश्व मिश्रा on May 21, 2016 at 2:21pm
Vaahhh didii
Comment by Abha saxena Doonwi on May 19, 2016 at 12:18pm

आदरणीय  सुरेश कुमार 'कल्याण ' जी , आदरणीय  सुशील  सरना  जी  , आदरणीय  जान गोरखपुरी जी, आदरणीय डा. आशुतोष मिश्रा जी ,आदरणीय समर  कबीर  जी , आदरणीय  श्याम नारायण जी  आप सभी  महानुभावों  का तहे  दिल  से शुक्रिया  आभार मेरी हौसला अफजाई करने  के  लिए  ...

Comment by सुरेश कुमार 'कल्याण' on May 19, 2016 at 10:24am
आदरणिया आभा सक्सेना जी बहुत खूब बधाई हो
Comment by Sushil Sarna on May 18, 2016 at 9:27pm

जिन्दगी का सफर खूब है,
मैं हूँ तनहा , मगर खूब है.

वाह बहुत सुंदर अशआर कहे हैं आदरणीया आपने। हार्दिक बधाई स्वीकार करें।

Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on May 18, 2016 at 6:19pm
वाह्हहह।बहुत खूब ग़ज़ल हुयी है,तहेदिल से मुबारकबाद।
Comment by Dr Ashutosh Mishra on May 18, 2016 at 5:06pm

आदरणीया आभा जी ..;ग़ज़ल का हर शेर पसंद आया 

हर दिशा में चमकता रहा ,

ये गणित का सिफर खूब है.यह शेर बहुत पसंद आया हार्दिक बधाई स्वीकार करें सादर 

Comment by Samar kabeer on May 18, 2016 at 2:25pm
मोहतरमा 'आभा'जी आदाब,अच्छी ग़ज़ल हुई है, दाद के साथ मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएँ ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम. . . . रोटी
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। रोटी पर अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मजदूर
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
7 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to योगराज प्रभाकर's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 (विषयमुक्त)
"आदाब।‌ हार्दिक धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफ़िर' साहिब। आपकी उपस्थिति और…"
9 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए हैं , हार्दिक बधाई।"
9 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया छंद
"आ. भाई सुरेश जी, अभिवादन। प्रेरणादायी छंद हुआ है। हार्दिक बधाई।"
10 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। अच्छी रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
10 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to योगराज प्रभाकर's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 (विषयमुक्त)
"आ. भाई शेख सहजाद जी, सादर अभिवादन।सुंदर और प्रेरणादायक कथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
10 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to योगराज प्रभाकर's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 (विषयमुक्त)
"अहसास (लघुकथा): कन्नू अपनी छोटी बहन कनिका के साथ बालकनी में रखे एक गमले में चल रही गतिविधियों को…"
yesterday
pratibha pande replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"सफल आयोजन की हार्दिक बधाई ओबीओ भोपाल की टीम को। "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"आदरणीय श्याम जी, हार्दिक धन्यवाद आपका। सादर।"
Thursday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service