For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

हो गया सागर लबालब अब उफनना चाहिए, (गजल)

2122 2122 2122 212


हो गया सागर लबालब अब उफनना चाहिए,
चल रहा मंथन बहुत कुछ तो निकलना चाहिए।


आग यह कबसे दबायी है अभी अंतर सुनो,
कब तलक सुलगे उसे अब तो धधकना चाहिये।


बेइमां अब साहिबां सब क्यूँ हमारे हो गये?,
आज एक उनमें कहीं वाजिब निकलना चाहिये।


है सड़क से राह ले जाती सियासत तक अभी,
अब तुझे भी आप ही घर से निकलना चाहिये।


ले गये सब मोड़ते नदियाँ कहाँ ये बावरे?
इक नदी का रुख अभी भी तो बदलना चाहिये।


क्षीण कितनी है नदी की धार देखा कीजिये,
वक्त है अब तो हमें थोड़ा सँभलना चाहिये।


मेड़ अबतक तो बनाते हैं रहे सब ताज़दाँ,
आ चलें अंधी गुफा से अब निकलना चाहिये।

.
'मौलिक व अप्रकाशित'@मनन

Views: 870

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil Sarna on July 26, 2015 at 12:12pm

वाह आदरणीय वाह बहुत ही खूबसूरत अशआर कहे हैं आपने   .... इस बेहतरीन ग़ज़ल के लिए दिली दाद कबूल फरमाएं। 

Comment by मनोज अहसास on July 26, 2015 at 10:39am
बहुत खूब
बेहतरीन
सादर
Comment by Samar kabeer on July 26, 2015 at 10:30am
जनाब मनन कुमार सिंह जी,आदाब,अच्छी ग़ज़ल कही है आपने,शैर दर शैर दाद के साथ मुबारकबाद क़ुबूल फ़रमाऐं ।
दो मिसरों की तरफ़ आपका ध्यान आकर्षित करना चाहूँगा :-

(1)"साहिबां मुंतखिब हो सब क्यों न-ईमां हो गये"

:-ये मिसरा लय में नहीं है ख़याल शब्दों के जाल में उलझ कर रह गया है,स्पष्ट नहीं है ,मेरी समझ में नहीं आया इस मिसरे में आप क्या कहना चाहते हैं ?

(2)"सड़क से है राह ले जाती सियासत तक अभी"

:- इस मिसरे की भी लय बाधित हो रही है,इस मिसरे की तरतीब पलट देंगे तो सही हो जाएगा :-

"है सड़क तक राह ले जाती सियासत तक अभी"

बाक़ी शुभ-शुभ ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ छियासठवाँ आयोजन है।.…See More
18 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आदरणीय  चेतन प्रकाश भाई  आपका हार्दिक आभार "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आदरणीय बड़े भाई  आपका हार्दिक आभार "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आभार आपका  आदरणीय  सुशील भाई "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए हार्दिक आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए धन्यवाद।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भाई अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आ. भाई सुशील जी, सुंदर दोहावली हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भूल सुधार - "टाट बिछाती तुलसी चौरा में दादी जी ""
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आ.गिरिराज भंडारी जी, नमस्कार! आपने फ्लेशबैक टेक्नीक के  माध्यम से अपने बचपन में उतर कर…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service