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मैं नहीं लिखता कोई मुझसे लिखाता है !

मैं नहीं लिखता ;
कोई मुझसे लिखाता है !
कौन है जो भाव बन ;
उर में समाता है !
....................................
कौंध जाती बुद्धि- नभ में
विचार -श्रृंखला दामिनी ,
तब रची जाती है कोई
रम्य-रचना कामिनी ,
प्रेरणा बन कर कोई
ये सब कराता है !
मैं नहीं लिखता ;
कोई मुझसे लिखता है !
.........................................................
जब कलम धागा बनी ;
शब्द-मोती को पिरोती ,
कैसे भाव व्यक्त हो ?
स्वयं ही शब्द छाँट लेती ,
कौन है जो शब्दाहार
यूँ बनाता है ?
मैं नहीं लिखता
कोई मुझसे लिखाता है !
.............................................
सन्देश-प्रेषित कर रहा
वो अदृश्य कौन ?
हम अबोध क्या कहें !
जब वो स्वयं है मौन !
वो कवि से काव्य
अनुपम रचाता है !
मैं नहीं लिखता
कोई मुझसे लिखाता है !

शिखा कौशिक 'नूतन'

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Comment by shikha kaushik on June 4, 2015 at 1:46pm

आदरणीय -कृष्ण मिश्रा जी  व् श्री सुनील जी उत्साहवर्धन हेतु  हार्दिक धन्यवाद स्वीकार करें .

Comment by shree suneel on June 4, 2015 at 8:19am
आपकी इस सुन्दर प्रस्तुति के लिए आपको बधाइयाँ आदरणीया.
Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on June 3, 2015 at 10:28pm

लाजव़ाब! लाजव़ाब! लाजव़ाब! आपको हृदय से बधाई व् शुभकामनायें!

Comment by shikha kaushik on June 3, 2015 at 10:22pm

आदरणीय -समर जी , मोहन जी ,नरेंद्र  जी , गोपाल जी ,महर्षि जी ,आशुतोष जी व् शिज्जु जी ...रचना को सराहने हेतु हार्दिक धन्यवाद स्वीकार करें .


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on June 3, 2015 at 6:58pm

बहुत बढिया शिखा जी बहुत बहुत बधाई

Comment by Dr Ashutosh Mishra on June 3, 2015 at 1:23pm

आदरणीय शिखा जी
कौंध जाती बुद्धि- नभ में
विचार -श्रृंखला दामिनी ,
तब रची जाती है कोई
रम्य-रचना कामिनी.....वाह बहुत सुंदर ..इस रचना के लिए हार्दिक बधाई सादर

Comment by maharshi tripathi on June 2, 2015 at 10:40pm

बहुत सुन्दर आ. shikha kaushik जी ,,शब्द  चयन अच्छा है |

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on June 2, 2015 at 9:50pm

हर विदवान यही कह कर गया है -न कुछ  किया  न कर सका  न करने जोग शरीर

                                               जो कुछ किया सो हरि  किया भये कबीर कबीर

Comment by narendrasinh chauhan on June 2, 2015 at 5:04pm

वाह... बहुत सुंदर प्रस्तुति

Comment by Mohan Sethi 'इंतज़ार' on June 2, 2015 at 10:51am

वाह... बहुत सुंदर प्रस्तुति  ...सादर 

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