For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

फिर से जन्म लेकर आऊंगा !

हुए न लक्ष्य पूर्ण किन्तु
मृत्यु द्वार आ गयी ,
देखकर मृत्यु को हाय !
ज़िंदगी घबरा गयी ,
हूँ नहीं विचलित मगर मैं ,
मृत्यु से टकराउँगा !
लक्ष्य पूरे करने फिर से
जन्म लेकर आऊंगा !
.....................................
छोड़ दूंगा प्राण पर
प्रण नहीं तोड़ूँगा मैं ,
अपनी लक्ष्य-प्राप्ति से
मुंह नहीं मोड़ूँगा मैं ,
है विवशता देह की
त्याग दूंगा मैं अभी ,
पर नहीं झुक पाउँगा
मृत्यु के आगे कभी ,
मैं पुनः नई देह में
धरती पर आ जाऊंगा !
लक्ष्य पूरे करने फिर से
जन्म लेकर आऊंगा !
.......................................
जन्म-मृत्यु क्रम निरंतर
सृष्टि का है चल रहा ,
देह पलटकर प्राण किन्तु
रूप नए धर रहा ,
सब अधूरे कर्म पूरे
कर रहा जो अंश है ,
उस परम -सत्ता का ये
तेजधारी वंश है ,
जन्म-मृत्यु-जन्म चक्र
मैं भी नित निभाउंगा !
लक्ष्य पूरे करने फिर से
जन्म लेकर आऊंगा !

शिखा कौशिक 'नूतन'

[घोषणा -यह रचना मौलिक व् अप्रकाशित है ]

Views: 719

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by shikha kaushik on May 29, 2015 at 1:05pm

आदरणीय-केवल जी , मनोज जी , नीरज जी , मिथिलेश जी , समर जी , कृष्ण जी , मोहन जी , गोपाल नारायण जी व् श्री सुनील जी -उत्साहवर्धन हेतु आप सभी का हार्दिक आभार .

Comment by shree suneel on May 29, 2015 at 9:46am
मैं पुनः नई देह में
धरती पर आ जाऊंगा !
लक्ष्य पूरे करने फिर से
जन्म लेकर आऊंगा !... लक्ष्य के प्रति दृढ़ता का संदेश देती ये सुन्दर प्रस्तुति है आदरणीया शिखा जी. बधाई आपको.
Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on May 28, 2015 at 12:13pm

बहुत बहुत बधाई  .

Comment by Mohan Sethi 'इंतज़ार' on May 28, 2015 at 8:50am

इस सुंदर रचना के लिये बधाई 

Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on May 28, 2015 at 7:15am
सुन्दर कविता!बधाई!
Comment by Samar kabeer on May 27, 2015 at 11:01pm
मोहतरमा शिखा कौशिक जी,आदाब,आपने अपने ख़याल को अच्छे शब्दों में पिरोया है,बहुत अच्छी लगी आपकी कविता,दाद के साथ मुबारकबाद क़ुबूल फ़रमाऐं ।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on May 27, 2015 at 10:55pm

बहुत बढ़िया प्रस्तुति 

हार्दिक बधाई आदरणीया शिखा जी 

Comment by Neeraj Neer on May 27, 2015 at 10:29pm

बहुत सुंदर भावों से लबरेज .... 

Comment by मनोज अहसास on May 27, 2015 at 10:13pm
खूबसूरत कविता
Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on May 27, 2015 at 10:05pm

दृढ्ता व आत्मविश्वास से परिपूर्ण कविता के हार्दिक बधाई .  आ0 नूतन जी.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी "
Tuesday
नाथ सोनांचली commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post नूतन वर्ष
"आद0 सुरेश कल्याण जी सादर अभिवादन। बढ़िया भावभियक्ति हुई है। वाकई में समय बदल रहा है, लेकिन बदलना तो…"
Tuesday
नाथ सोनांचली commented on आशीष यादव's blog post जाने तुमको क्या क्या कहता
"आद0 आशीष यादव जी सादर अभिवादन। बढ़िया श्रृंगार की रचना हुई है"
Tuesday
नाथ सोनांचली commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post मकर संक्रांति
"बढ़िया है"
Tuesday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

मकर संक्रांति

मकर संक्रांति -----------------प्रकृति में परिवर्तन की शुरुआतसूरज का दक्षिण से उत्तरायण गमनहोता…See More
Tuesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

नए साल में - गजल -लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

पूछ सुख का पता फिर नए साल में एक निर्धन  चला  फिर नए साल में।१। * फिर वही रोग  संकट  वही दुश्मनी…See More
Tuesday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post नूतन वर्ष
"बहुत बहुत आभार आदरणीय लक्ष्मण धामी जी "
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170
"आ. भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। दोहों पर मनोहारी प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार।"
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170
"सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी "
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170
"सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय लक्ष्मण धामी जी , सहमत - मौन मधुर झंकार  "
Sunday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170
"इस प्रस्तुति पर  हार्दिक बधाई, आदरणीय सुशील  भाईजी|"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service