For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

चांदनी रात है //// हिन्दी गजल (एक प्रयास)

   (212 212)

मुतदारिक मुरब्बा सालिम

चांदनी रात है

वाह क्या बात है I

रात का तम गया

अब धवल प्रात है I

मौन वंशी लिए

वह खड़ा तात है I

पुष्प के बाण से

काम का घात है I

राग-अनुराग की

दिव्य बरसात है I

कामना है मधुर

भाव अवदात है I

नन्द का लाडला

नेह  निष्णात  है I

आपगा तीर पर

राधिका स्नात है I

नेह ‘गोपाल’ का

सर्व विख्यात है I

(मौलिक व् अप्रकाशित )

Views: 1101

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by नादिर ख़ान on March 31, 2015 at 12:08pm

वाह क्या खूब कहा आदरणीय गोपाल जी, बहुत बधाई इस उत्तम रचना के लिए ...


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on March 31, 2015 at 9:14am

आदरणीय डॉ गोपाल नारायण सर आपने गागर में सागर भर दिया। इस छोटी बह्र में पूरी रवानी के साथ अपनी बात कहना आप जैसे अनुभवी व्यक्ति एवं रचनाकार के ही बस की बात है। दिली दाद कुबूल फरमायें

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on March 31, 2015 at 6:27am

कोटि कोटि नमन आ0 भाई गोपाल नारायण जी .

Comment by Samar kabeer on March 30, 2015 at 11:04pm
आली जनाब डा.गोपाल नारायण श्रीवास्तव जी,आदाब,सुन्दर और कलात्मक रचना के लिये दाद के साथ मुबारकबाद क़ुबूल फ़रमाऐं |
Comment by Dr. Vijai Shanker on March 30, 2015 at 9:35pm
कामना है मधुर
भाव अवदात है I
राग-अनुराग की
दिव्य बरसात है ।
पुष्प के बाण से
काम का घात है I
सुन्दर , स्वर्णिम , बहुत बहुत बधाई , आदरणीय डॉo गोपाल नारायण जी , सादर।
Comment by Hari Prakash Dubey on March 30, 2015 at 7:23pm

आदरणीय गोपाल नारायण श्रीवास्तव सर, बहुत ही शानदार रचना ,बिलकुल आप पर सटीक बैठती हैं ये पंक्तियाँ

नेह ‘गोपाल’ का

सर्व विख्यात है I

,सादर !

Comment by Nilesh Shevgaonkar on March 30, 2015 at 6:05pm

अरे वाह वाह वाह ..क्या कहने आदरणीय .. दो रुक्नी ग़ज़ल लेकिन बात पूरी तरह संप्रेषित हुई 
वाह क्या बात है 

Comment by Shyam Narain Verma on March 30, 2015 at 4:40pm
क्या खूब ग़ज़ल कही है आपने वाह बहुत बहुत बधाई इस बेहतरीन रचना के लिये

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on March 30, 2015 at 3:36pm

वाह वाह वाह आदरणीय गोपाल नारायण श्रीवास्तव सर, छोटी बह्र की कमाल की ग़ज़ल हुई... यकीन था कि आप जब अपने अनुभव की छौंक बह्र में लगायेंगे तो बेहतरीन गज़लें निकलकर आएगी. आपने तत्सम शब्दों से भरी-पूरी लाजवाब ग़ज़ल कही है. इस लगन को नमन. मंच पर नए हिंदी शायर का हार्दिक स्वागत है, अभिनन्दन है, नमन है. बस वाह वाह निकल रही है मन से.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"रजाई को सौड़ कहाँ, अर्थात, किस क्षेत्र में, बोला जाता है ? "
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय "
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय  सौड़ का अर्थ मुख्यतः रजाई लिया जाता है श्रीमान "
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"हृदयतल से आभार आदरणीय 🙏"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , दिल  से से कही ग़ज़ल को आपने उतनी ही गहराई से समझ कर और अपना कर मेरी मेनहत सफल…"
Wednesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , गज़ाल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका ह्रदय से आभार | दो शेरों का आपको…"
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"इस प्रस्तुति के अश’आर हमने बार-बार देखे और पढ़े. जो वाकई इस वक्त सोच के करीब लगे उन्हें रख रह…"
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, बहरे कामिल पर कोई कोशिश कठिन होती है. आपने जो कोशिश की है वह वस्तुतः श्लाघनीय…"
Wednesday
Aazi Tamaam replied to Ajay Tiwari's discussion मिर्ज़ा ग़ालिब द्वारा इस्तेमाल की गईं बह्रें और उनके उदहारण in the group ग़ज़ल की कक्षा
"बेहद खूबसूरत जानकारी साझा करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया आदरणीय ग़ालिब साहब का लेखन मुझे बहुत पसंद…"
Tuesday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Tuesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।   ........   धरा चाँद जो मिल रहे, करते मन…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"आम तौर पर भाषाओं में शब्दों का आदान-प्रदान एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। कुण्डलिया छंद में…"
Monday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service