For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गुनगुन करती थी सदा

वो एक लड़की ..

खिड़की से आती थी नज़र

वो एक लड़की

कभी नाचती गुड़िया संग

कभी लगाती गुलाबी रंग

बाबा के कंधों पर चढ़

दुनिया थी देखती

माँ की बाहों में झुला झूलती

समय उपरान्त

उसी खिड़की में

आई  नज़र

वो एक लड़की

ले रंगबिरंगी चुनर

पूरियाँ तलती थी  

बाबा को बिस्तर पर सुला

माथा सहलाती 

वो एक लड़की...

बहुत दिनों से

बंद थी खिड़की

नहीं आती नजर अब

वो एक लड़की

आज खुली खिड़की और

दिखी वो एक लड़की ?

माथे बिंदिया चमक रही थी

चूड़ियाँ भी खनक रही थी

मगर चेहरा कुछ बुझा सा था

ग़मगीन और उदासीन

दिखी आज

वो एक लड़की...

साल कुछ बीते और..  

खिड़की बंद हो गयी

सदा के लिए

नहीं दिखती अब ..

वो चहकती  लड़की

क्यूंकि दहेज़ की भेंट

चढ़ चुकी थी

वो एक लड़की...

डिम्पल गौर 'अनन्या '

(मौलिक और अप्रकाशित ).

 

Views: 819

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on February 11, 2015 at 1:23pm

आदरणीया डिंपल  जी

आपके कविता  मार्मिक है i आपको बधाई i

Comment by डिम्पल गौड़ on February 11, 2015 at 12:52am

कविता की सराहना करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद  आदरणीय डॉ विजय शंकर जी ..

Comment by Dr. Vijai Shanker on February 10, 2015 at 6:33am
सुन्दर प्रस्तुति, बधाई, सादर।
Comment by डिम्पल गौड़ on February 10, 2015 at 12:37am

आभार ..सोमेश कुमार जी 

Comment by डिम्पल गौड़ on February 10, 2015 at 12:36am

धन्यवाद आदरणीय आलोक मित्तल जी |

Comment by somesh kumar on February 9, 2015 at 10:48pm

वो एक लड़की ,हर उस लड़की की बयानी ,जो बचपन में अपने घर पे खेलती -कूदती पलती है और एक दिन - - - - - सुंदर मर्मान्तक भाव -सयोंजन |

Comment by Alok Mittal on February 9, 2015 at 11:12am

बहुत सुंदर आपकी रचना ..हर पहलू को ख़ूबसूरती से कहा है आपने 

Comment by डिम्पल गौड़ on February 9, 2015 at 1:02am

आप सभी मित्रगणों के स्नेह आशीष और बेहद सुन्दर प्रतिक्रियाओं  ने मुझे अभिभूत कर दिया है ..एक रचनाकार के लिए  इससे बड़ी   ख़ुशी की बात और क्या होगी .| आप सभी आदरणीय गुरुजनों का आशीष यूँ ही मिलता रहे यही अभिलाषा है | एक बार पुनः ह्रदय तल से आभार व्यक्त करती हूँ ..|

Comment by Dr Ashutosh Mishra on February 8, 2015 at 9:21pm

आदरणीया जी .मन को उद्देलित कर देने वाली इस रचना के लिए आपको ढेरों बधाई सादर 

Comment by Hari Prakash Dubey on February 8, 2015 at 7:02pm

आदरणीया डिम्पल गौर 'अनन्या ' जी सुन्दर एवम् मार्मिक रचना, एक लड़की की कथा को आपने कविता में खूबसूरती से पिरो दिया ,  आपको हार्दिक बधाई ,सादर .

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय सौरभ सर, मैं इस क़ाबिल तो नहीं... ये आपकी ज़र्रा नवाज़ी है। सादर। "
14 hours ago
Sushil Sarna commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय जी  इस दिलकश ग़ज़ल के लिए दिल से मुबारकबाद सर"
15 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय गिरिराज जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया और सुझाव  का दिल से आभार । प्रयास रहेगा पालना…"
15 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन के भावों को मान और सुझाव देने का दिल से आभार । भविष्य के लिए  अवगत…"
15 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . लक्ष्य
"आदरणीय  अशोक रक्ताले जी सृजन को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार । बहुत सुन्दर सुझाव…"
15 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आ. शिज्जू भाई,एक लम्बे अंतराल के बाद आपकी ग़ज़ल पढ़ रहा हूँ..बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है.मैं देखता हूँ तुझे…"
18 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . लक्ष्य

दोहा सप्तक. . . . . लक्ष्यकैसे क्यों को  छोड़  कर, करते रहो  प्रयास । लक्ष्य  भेद  का मंत्र है, मन …See More
19 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय योगराज जी, ओबीओ के प्रधान संपादक हैं और हम सब के सम्माननीय और आदरणीय हैं। उन्होंने जो भी…"
20 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय अमीरुद्दीन साहब, आपने जो सुझाव बताए हैं वे वस्तुतः गजल को लेकर आपकी समृद्ध समझ और आपके…"
21 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय सुशील भाई , दोहों के लिए आपको हार्दिक बधाई , आदरणीय सौरभ भाई जी की सलाहों कर ध्यान…"
21 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा से समृद्ध हुआ । "
22 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय शिज्जू शकूर जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी "
22 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service