युवाओं में ब्रेक अप पार्टी का चलन देख कुछ ख्यालों ने दिल पर दस्तक दी आपकी नजर करती हूँ ...
आओ मिलें ऐ दोस्त ,बिछुड़ जाने के लिए
फिर से याद करें वो यादें ,भूल जाने के लिए
आओ मिलें एक बार
लेकर यादों का वो पिटारा
इक मेरा तुम इक तेरा मैं
वापिस करें..
वो अनमोल लम्हे
जो जिए हमने संग संग
वो दुःख दर्द जो बाँटें हमने संग संग
वो आँसू जिनसे भिगोया तकिया
एक दूसरे की याद में
वापिस करें ...
जो तुझमें हूँ मैं कुछ कुछ
और
जो मुझमें हो तुम कुछ कुछ
वापिस करें ...
वो चिंता
वो हमदर्दी
जो हमने एक दूसरे के लिए की
वापिस करें ..
वो सन्देश जो हमने भेजे
प्यार के
प्रेरणा के
दोस्ती के
वापिस करें ..
वो पल पल की कसक
जिसने दी हमारे दिल पर दस्तक
वापिस करें ...
वो वादे
वो कसमें
जिन्हें निभाया हमने बड़ी शिद्दत से
भूल जायें
वो 'गुज़ारिश' रूठने मनाने की
वो 'अलविदा' ना कहकर 'फिर मिलेंगे' कहना
आओ मिलकर ...
एक वादा करें खुद से ..
दोबारा ना मिलने का ,
यादों से दूर चले जाने का ...
और शुरू करें फिर से ये जिंदगी उस मोड़ से
यहाँ हम तुम थे अजनबी ....
..........................................
.......मौलिक एवं अप्रकाशित .....
Comment
बहुत बढ़िया लिखा है
और शुरू करें फिर से ये जिंदगी उस मोड़ से
यहाँ हम तुम थे अजनबी .......बहुत सुंदर, बधाई आदरणीया सरिता जी
बहुत सुन्दर प्रस्तुति , आदरणीया सरिता जी , हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।
आदरणीया सरिता भाटिया जी सुन्दर प्रयास , हार्दिक बधाई / और शुरू करें फिर से ये जिंदगी उस मोड़ से
यहाँ/ जहाँ हम तुम थे अजनबी ....! सादर
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