For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गजल- जान हो तुम मेरी जान लो जानेमन

212 212 212 212

एक है जान हम टुकडे दो जानेमन!
कैसे समझाए हम आपको जानेमन!!

हो नहीं सकते तुम दूर मुझसे कभी!
जान हो तुम मेरी जान लो जानेमन!!

तुम दुआ हो मेरी मेरे अरमान हो!
जिन्दगी बन्दगी तुम ही हो जानेमन!!

देख लूं जो तुझे साँस आ जाती है!
जाएँगे मर अगर तू न हो जानेमन!!

तुमको 'राहुल' पे अब भी यकीं गर नहीं!
चीर कर दिल मेरा देख लो जानेमन!!

मौलिक व अप्रकाशित!

Views: 1629

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Rahul Dangi Panchal on January 19, 2015 at 8:24pm
आदरणीय Dr Ashutosh Mishra जी शुक्रिया
Comment by Dr Ashutosh Mishra on January 19, 2015 at 5:58pm

राहुल जी सुंदर ग़ज़ल लिए ढेर सारी बधाई ...इस रचना पर हुई चर्चा के कारण नयी जानकारी मिली 

Comment by Rahul Dangi Panchal on January 19, 2015 at 1:27pm
आदरणीय Hari Prakash Dubey जी शुक्रिया
Comment by Rahul Dangi Panchal on January 19, 2015 at 1:26pm
आदरणीय Hari Prakash Dubey
Comment by Rahul Dangi Panchal on January 19, 2015 at 12:29pm
आदरणीय डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव जी शुक्रिया! स्नेह बनाए रखे ! मुझ जौसे नये सीखने वालो को आप जैसे गुनीजनो के सुझाव की बहुत आवश्यकता है! सादर नमन
Comment by Rahul Dangi Panchal on January 19, 2015 at 12:27pm
आदरणीय somesh kumar जी शुक्रिया
Comment by Rahul Dangi Panchal on January 19, 2015 at 12:26pm
आदरणीय गिरिराज भंडारी सर सादर धन्यवाद! आपके सुझाव पर अवश्य गौर करुंगा सादर!

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on January 19, 2015 at 12:06pm

आदरणीय राहुल भाई , लाजवाब गज़ल कही है , सभी अश आर बहुत सुन्दर कहे हैं , हार्दिक बधाई कुबूल करें ।

जाएँगे मर अगर तू न हो जानेमन --- इस मिसरे को ----- मर न जायें अगर तू न हो जानेमन  ---कहें तो शादर और अच्छा लगे, 

वैसे वो मिसरा गलत नहीं है , फिर भी  , पढ़्ने मे अटकाव है । 

Comment by somesh kumar on January 18, 2015 at 11:42pm

सद्प्रयास पर बधाई|

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on January 18, 2015 at 2:42pm

आदरनीय

वामनकर जी की टिप्पणी पर ध्यान दे i उनसे मेरी सहमति  है i सादर  i

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"आदरणीय निलेश शेवगाँवकर जी आदाब, एक साँस में पढ़ने लायक़ उम्दा ग़ज़ल हुई है, मुबारकबाद। सभी…"
38 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"आपने जो सुधार किया है, वह उचित है, भाई बृजेश जी।  किसे जगा के सुनाएं उदास हैं कितनेख़मोश रात…"
10 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . अपनत्व
"इतने वर्षों में आपने ओबीओ पर यही सीखा-समझा है, आदरणीय, 'मंच आपका, निर्णय आपके'…"
10 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . अपनत्व
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी मंच  आपका निर्णय  आपके । सादर नमन "
11 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . अपनत्व
"आदरणीय सुशील सरना जी, आप आदरणीय योगराज भाईजी के कहे का मूल समझने का प्रयास करें। मैंने भी आपको…"
12 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"अनुज बृजेश  किसे जगा के सुनाएं उदास हैं कितनेख़मोश रात  बिताएं उदास  हैं कितने …"
12 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . अपनत्व
"ठीक है आदरणीय योगराज जी । पोस्ट पर पाबन्दी पहली बार हुई है । मंच जैसा चाहे । बहरहाल भविष्य के लिए…"
12 hours ago

प्रधान संपादक
योगराज प्रभाकर commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . अपनत्व
"आ. सुशील सरना जी, कृपया 15-20 दोहे इकट्ठे डालकर पोस्ट किया करें, वह भी हफ्ते में एकाध बार. साईट में…"
12 hours ago
Sushil Sarna posted blog posts
12 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"आदरणीय सौरभ सर ओ बी ओ का मेल वाकई में नहीं देखा माफ़ी चाहता हूँ आदरणीय नीलेश जी, आ. गिरिराज जी ,आ.…"
17 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम -. . . . . शाश्वत सत्य
"आदरणीय  अशोक रक्ताले जी सृजन आपकी प्रेरक प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ ।  इंगित बिन्दुओं पर…"
17 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"ओबीओ का मेल चेक करें "
19 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service