For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आभास हो  तुम  ........

आभास हो  तुम  विश्वास  नहीं हो
तुम रूठी  तृप्ति  की प्यास नहीं हो
जिन मधु पलों को मौन भी तरसे
तुम उस पूर्णता का प्रयास नहीं हो

आभास हो  तुम  विश्वास  नहीं हो 
तुम रूठी  तृप्ति  की प्यास नहीं हो .........

अतृप्त कामनाओं के स्वप्न नीड़ हो
अभिलाष कलश  के  विरह नीर हो
जिस प्रकाश  को  तिमिर भी तरसे
तुम उस  जुगनू  का प्रकाश नहीं हो

आभास हो  तुम  विश्वास  नहीं हो 
तुम रूठी  तृप्ति  की प्यास नहीं हो ......

पथिक हो  तुम  निर्जीव  राह  के
शूलों  से  आहत   पुष्प  आह के
प्रतिपल  घटती तुम देह छवि हो
तुम जीवन  का मधुमास नहीं हो

आभास हो  तुम  विश्वास  नहीं हो 
तुम रूठी  तृप्ति  की प्यास नहीं हो .....

सुशील सरना

मौलिक एवं अप्रकाशित 

Views: 601

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil Sarna on December 12, 2014 at 6:49pm

आदरणीय योगराज प्रभाकर जी रचना पर आपकी नज़र ने जो उसमें छुपे भावों को अपनी प्रशंसा से सम्मानित किया है उसके लिए मैं दिल की गहराईयों से आपका आभारी हूँ। प्रत्युत्तर में विलम्ब के लिए क्षमा।  


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on December 10, 2014 at 10:47am

पथिक हो  तुम  निर्जीव  राह  के
शूलों  से  आहत   पुष्प  आह के
प्रतिपल  घटती तुम देह छवि हो
तुम जीवन  का मधुमास नहीं हो

बहुत खूब आ० सुशील सरना जी, बहुत सुन्दर और भावपूर्ण गीत रचा है। हार्दिक बधाई स्वीकारें।

Comment by Sushil Sarna on December 9, 2014 at 4:00pm

आदरणीय    गिरिराज भंडारी      जी गीत पर आपकी स्नेहिल प्रशंसा का हार्दिक आभार। 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on December 6, 2014 at 1:36pm

वाह ! आदरणीय सुशील भाई , लाजवाब गीत रचना हुई है , बधाई !

Comment by Sushil Sarna on December 5, 2014 at 12:55pm

आदरणीय    narendrasinh chauhan      जी गीत पर आपकी स्नेहिल प्रशंसा का हार्दिक आभार। 

Comment by Sushil Sarna on December 5, 2014 at 12:54pm

आदरणीया  rajesh kumari   जी गीत पर आपकी ऊर्जावान प्रशंसा का हार्दिक आभार। 

Comment by Sushil Sarna on December 5, 2014 at 12:51pm

आदरणीय  vijay nikore   जी गीत पर आपकी स्नेहिल प्रशंसा का हार्दिक आभार। 

Comment by Sushil Sarna on December 5, 2014 at 12:51pm

आदरणीय   Hari Prakash Dubey     जी गीत पर आपकी स्नेहिल प्रशंसा का हार्दिक आभार। 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on December 4, 2014 at 9:09pm

बहुत सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति ..हार्दिक बधाई आपको आ० सुशील सरना जी 

Comment by vijay nikore on December 4, 2014 at 5:01pm

अति सुन्दर। बधाई।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर updated their profile
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पांडेय सर, बहुत दिनों बाद छंद का प्रयास किया है। आपको यह प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय आदरणीय चेतन प्रकाशजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम मथानी जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार "
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार "
yesterday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service