For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आवरण....(लघुकथा)

रामकिशन अपनी फसल से बहुत ज्यादा  प्यार करता था. पौधों को अपने बच्चों के जैसा समझता. खेतों की साफ़-सफाई, हर काम शुरू करने से पहले पूजा-पाठ, यहाँ तक की अपनी भावुकता के कारण नन्हें-नन्हें पौधों पर कीटनाशकों का छिडकाव भी नहीं करता था. उसे यही लगता था कि इन मासूमों पर जहर का इस्तेमाल कैसे करूँ..?   किन्तु ख़राब मौसम के कारण जन्मे कीट उसकी फसल को चट कर जाते. अपने हाथ कुछ न लगना और गाँव के लोगों द्वारा उसकी  हंसी उड़ाना , एक दिन उसे समझ आ गया. अब रामकिशन अपनी फसलों से आमदनी का भरपूर फायदा ले रहा है..

 

         जितेन्द्र ‘गीत’

  (मौलिक व् अप्रकाशित)    

Views: 608

Facebook

You Might Be Interested In ...

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on November 7, 2014 at 10:22am

आपकी उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया की हमेशा प्रतीक्षा रहती है, आदरणीय श्याम नारायण जी. स्नेह बनाये रखियेगा

सादर!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on November 7, 2014 at 10:20am

जी आदरणीय बागी जी, आपका कहना एकदम सही है. पल भर का दर्द जीवन को सुरक्षित रखने के बड़ा काम आता है. आपकी उपस्थिति से हमेशा लेखनी का मनोबल बढता है, अपना स्नेह व् मार्गदर्शन हमेशा बनाये रखियेगा

सादर!

Comment by Shyam Narain Verma on November 6, 2014 at 11:41am

अति सुन्दर लघु कथा। बधाई।


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on November 6, 2014 at 10:45am

बच्चों को भी स्वस्थ रखने हेतु दर्द युक्त टीका दिलाना ही पड़ता है, अच्छी लघुकथा, बधाई आदरणीय जितेंद्र जी।

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on November 6, 2014 at 8:38am

आपका ह्रदय से आभारी हूँ, आदरणीय शुशील जी. स्नेह बनाये रखियेगा

सादर!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on November 6, 2014 at 8:37am

आपका कहना एकदम उचित है आदरणीय डा.गोपाल जी. 'आवरण' से मेरा तात्पर्य एसी परत जो प्रतिकूल वातावरण में सुरक्षा दे. आपकी उपस्थिति व् स्नेहिल मार्गदर्शन से हमेशा मुझे मनोबल मिला है आपका ह्रदय से आभारी हूँ, सर. स्नेह बनाये रखियेगा

सादर!

Comment by Sushil Sarna on November 5, 2014 at 6:25pm

एक सन्देश छुपाये सुंदर लघु कथा  .... हार्दिक बधाई  जितेन्द्र पस्टारिया जी

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on November 5, 2014 at 4:56pm

जीतू भैय्या

इस कहानी का शीर्षक  मेरी समझ से 'समझ' होना चाहिए था  जो कथा नायक को काफी नुक्सान उठाने के बाद आयी i सुन्दर कथा i बधाई i

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on November 5, 2014 at 2:30pm
आपका हृदय से आभार, आदरणीय डा. विजय जी. सादर!
Comment by Dr. Vijai Shanker on November 5, 2014 at 1:00am

कथा में एक सन्देश है।  प्रिय जीतेन्द्र  जी , कथा अच्छी है , बधाई।  

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"दोहा आधारित एक रचना: नीर पियेंगें देखना सूरज दादा तुम तपो, चाहे जितना घोर, तुम चाहो तो तोड़ दो,…"
15 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, प्रदत्त चित्र को सार्थक दोहावली से आयोजन का शुभारम्भ हुआ है.  तन…"
21 minutes ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"   पैसा है तो पीजिए, वरना रहो अधीर||...........वाह ! वाह ! लाख टके की बात कह दी है आपने.…"
1 hour ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"  आदरणीय शिज्जु शकूर जी सादर, प्रदत्त चित्रानुसार सुन्दर दोहे रचे हैं आपने. सच है यदि धूप न हो…"
1 hour ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"    आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव साहब सादर, प्रस्तुत दोहों की सराहना के लिए आपका हृदय…"
1 hour ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"  आदरणीय अजय गुप्ता जी सादर, प्रस्तुत दोहों पर उत्साहवर्धन के लिए आपका हृदय से आभार. आपकी…"
1 hour ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"  जी ! भाई लक्ष्मण धामी जी आप जो कह रहे हैं मन के मार्फ़त या दिल के मार्फ़त उस बात को मैं समझ…"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त चित्रानुसार उत्तम छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
1 hour ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक  भाईजी  हार्दिक बधाई स्वीकार करें इस सार्थक दोहावली के लिए| दोपहर और …"
2 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय लक्ष्मण भाईजी  हार्दिक बधाई इस सार्थक दोहावली के लिए| तन-मन ये मन  से …"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अशोक जी सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति, उत्साहवर्धन और सुझाव के लिए हार्दिक आभार। अंतिम…"
2 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"दोहा छंद   ++++++ ग्रीष्म बाद ही मेघ से, रहती सबको आस| लगातार बरसात हो, मिटे धरा की…"
2 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service