For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मेरा ईमान है हिंदी (ग़ज़ल 'राज')

1222  1222

वतन की जान है हिंदी

उपार्जित मान है हिंदी

 

धरा जो गुनगुनाती है

मुक़द्दस गान है हिंदी

 

हिमालय फ़क्र करता है

अजल से शान है हिंदी

 

तेरे वर्के तगाफ़ुल पे

नया  फ़रमान है हिंदी

 

इबादत पे सदाक़त पे

सदा कुर्बान है हिंदी

 

मेरा मजहब मेरी दौलत

मेरा ईमान है हिंदी

हमारी पाक़ संस्कृति में

बसा सम्मान है हिंदी  

------------------

(मौलिक एवं अप्रकाशित )

Views: 762

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on September 26, 2014 at 10:22am

आ० हरिवल्लभ जी,आपकी प्रतिक्रिया से उत्साहित हूँ मेरा लिखना सार्थक हुआ ,तहे दिल से आभार आपका सादर . 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on September 26, 2014 at 10:20am

प्रिय जितेन्द्र भैय्या ,आपको ग़ज़ल पसंद आई तहे दिल से आभारी हूँ ,शुभ कामनाएं 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on September 26, 2014 at 10:19am

आ० डॉ. विजय शंकर जी,ग़ज़ल आपको पसंद आई तहे दिल से आभार आपका सादर .  

Comment by Shyam Narain Verma on September 26, 2014 at 10:04am

सुन्दर गज़ल .... सादर बधाई.....


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on September 26, 2014 at 7:20am

वाह हिन्दी को समर्पित बहुत खूबसूरत ग़ज़ल हुई है बहुत बहुत बधाई आपको

Comment by harivallabh sharma on September 25, 2014 at 11:34pm

हिंदी तो हमारी मातृभाषा है...उसके सम्मान में बहुत सुन्दर ग़ज़ल ..

मेरा मजहब मेरी दौलत

मेरा ईमान है हिंदी

हमारी पाक़ संस्कृति में

बसा सम्मान है हिंदी  .....बहुत खूबसूरत अल्फाज़ में सभी शेर शानदार ..बधाई आपको आदरणीया rajesh kumari साहिबा.

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on September 25, 2014 at 11:06pm

मातृभाषा हिंदी की गरिमा में बहुत खूबसूरत गजल. बधाई आपको आदरणीया राजेश दीदी

Comment by Dr. Vijai Shanker on September 25, 2014 at 8:53pm
सुन्दर , हिन्दी प्रेम , रचना हेतु बधाई आदरणीय राजेश कुमारी जी

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on September 25, 2014 at 8:25pm

आ० आशुतोष जी,दिल से आभारी हूँ आपको ग़ज़ल पसंद आई ,दरअसल हिंदी दिवस के लिए लिखी हुई थी ये ग़ज़ल उन दिनों इतनी व्यस्त थी की पोस्ट नहीं कर सकी अब थोडा फ्री हुई हूँ तो अब पोस्ट की .

Comment by Dr Ashutosh Mishra on September 25, 2014 at 8:08pm

आदरणीया राज जी ..इस छोटी बहर में बेहई तरीन चुनिन्दा शब्दों से सजी .हिंदी की महत्ता को स्थापित करती शानदार ग़ज़ल ..आपको हार्दिक बधाई सादर प्रणाम के साथ

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी's blog post was featured

एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]

एक धरती जो सदा से जल रही है   ********************************२१२२    २१२२     २१२२ एक इच्छा मन के…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]

एक धरती जो सदा से जल रही है   ********************************२१२२    २१२२     २१२२ एक इच्छा मन के…See More
yesterday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . .तकदीर

दोहा सप्तक. . . . . तकदीर  होती है हर हाथ में, किस्मत भरी लकीर ।उसकी रहमत के बिना, कब बदले तकदीर…See More
yesterday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ छियासठवाँ आयोजन है।.…See More
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आदरणीय  चेतन प्रकाश भाई  आपका हार्दिक आभार "
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आदरणीय बड़े भाई  आपका हार्दिक आभार "
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आभार आपका  आदरणीय  सुशील भाई "
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए हार्दिक आभार।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए धन्यवाद।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भाई अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service