For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

तुम्‍हारी झील सी आँखे मुझे बस डूब मरने दो
न रोको तुम कभी मुझको मुझे बस प्‍यार करने दो

तुम्‍हारे बिन ये जीवन है जैसे फूल बिन धरती
मरे हम भी तुम्‍हारे पर मगर तुम क्‍यों नहीं मरती
बडा सूना पडा जीवन प्‍यार के रंग भरने दो
न रोको तुम कभी मुझको मुझे  बस प्‍यार करने दो
तुम्‍हारी झील सी आँखे मुझे बस डूब मरने दो

तुम्‍हारे पाव की पायल मुझे हरदम  सताती है
निगाहे रात दिन तुमको न जाने क्‍यो बुलाती है
छुपाना मत कभी ऑंखे मुझे पलको पे रहने दो
न रोको तुम कभी मुझको मुझे  बस प्‍यार करने दो
तुम्‍हारी झील सी आँखे मुझे बस डूब मरने दो

तुम्‍हे हम जिन्‍दगी की हर खुश्‍ाी देगे चली आओ
सुनो बाते हमारी तुम कही अब दूर मत जाओ
बनाने इक सुनहरा कल हमें तुम साथ चलने दो
न रोको तुम कभी मुझको मुझे  बस प्‍यार करने दो
तुम्‍हारी झील सी आँखे मुझे बस डूब मरने दो

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 448

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Santlal Karun on September 21, 2014 at 9:06pm

आदरणीय गहमरी जी,

इस भाव-प्रवण गीत के लिए हार्दिक साधुवाद एवं सद्भावनाएँ ! --

"तेरे माथे की बिन्दिया मेरा दिल चुराती है
खुली जुल्‍फे गर तेरी घटाये भी शरमाती है
समेटो न कभी इनको हमें  साये में रहने दो
तुम्‍हारी झील सी आँखे हमें बस डूब मरने दो
न रोको तुम कभी हमको हमें बस प्‍यार करने दो"

Comment by भुवन निस्तेज on September 21, 2014 at 3:53pm

क्या    खूब  बस  गुनगुनाने को जी चाहा, आपको ढेरों बधाई....

Comment by harivallabh sharma on September 21, 2014 at 1:49pm

बहुत सुन्दर ग़ज़ल की बहर में सुन्दर गीत  ..

तुम्‍हारी झील सी आँखे हमें बस डूब मरने दो
न रोको तुम कभी हमको हमें बस प्‍यार करने दो ....भावप्रवण सुन्दर...बहुत बधाई.

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on September 20, 2014 at 2:47pm

बहुत उम्दा !

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
11 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
11 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
11 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
11 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
11 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
11 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
11 hours ago
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
14 hours ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
14 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
14 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी, बहुत धन्यवाद"
14 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी सादर नमस्कार। हौसला बढ़ाने हेतु आपका बहुत बहुत शुक्रियः"
14 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service