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चाहें पिया का हो घर परदेश में, पीहर तो मेरा है, तेरा घर कृष्णा !!

चाहें पिया का हो घर परदेश में, पीहर तो मेरा है, तेरा घर कृष्णा !!

मोहब्बत का पहला पयाम कृष्णा, उगता हुआ सा जैसे चाँद कृष्णा !
बिन तेरे महफ़िलों में नूर नहीं है, मोहब्बत का तुझे है सलाम कृष्णा !!
सर पे रखा हो जैसे दस्ते खुदा, मंजिल-ए-इश्क है राधेनाम कृष्णा !
मुझे तो नदिया की धार सा लगे, जैसे रिश्तों का घुला जाम कृष्णा !!
मुझे मिल जाए बस तेरी दुआ, तू है सबकी निगाहों का प्यार कृष्णा !
माँ का दुलार, पिता का प्यार सा लगे, मेरे लिए तो भाई का दुलार कृष्णा !!
यही पे हूँ जन्मी थी, यहीं पे पली, फूलों की डोली सजाके विदा किये कृष्णा !
चाहें पिया का हो घर परदेश में, पीहर तो मेरा है, तेरा घर कृष्णा !!
मैं तो खुद तेरी ही पनाहों में पली, मेरी मर्यादा ही मेरी दहलीज कृष्णा !
जाऊं दूर कहीं मैं तुमसे कभी, रखना सदा ही सर पे मेरे अपना हाँथ कृष्णा !!
जो कहते है इश्क गैर सा लगे, उनके दिलों में तो फ़क्त बैर कृष्णा !
मेरे अरमानों की शान सा लगे, तू है अजीज और महान कृष्णा !!
तू ख़्वाबों में भी कभी जो मुझे याद कर ले, महके ये घर सारा दिन कृष्णा !
रखना शरण में तू मुझको सदा, तुझे सारे जग की कसम कृष्णा !!
किसी के दिल का ईमान तू बने, और किसी की निगाहों का करार कृष्णा !
आये जाए कोई मुझे कोई ना खबर, बस मेरे तो ओंठों पे सुबहो शाम कृष्णा !!
मेरे गीत और गजलों में छाया है तू ही, तू ही है इश्क की जुबान कृष्णा !
अब आई हूँ शहर में तेरे मेहमां बनकर, तेरी झलक दिखी ना एक बार कृष्णा !!
मिजाज में मेरे रखना तू यही दम ख़म, बहिना के ह्रदय की तू पुकार कृष्णा !
मुझे शोहरतों की दुआओं सा लगे, मेरे गीत गजलों की शान कृष्णा !!

सुनीता दोहरे.....

मौलिक एवं अप्रकाशित !!!

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Comment by sunita dohare on January 6, 2015 at 4:14am

Pawan Kumar ... जी , बहुत बहुत धन्यवाद !  सादर प्रणाम !!"

Comment by sunita dohare on September 8, 2014 at 1:21am

annapurna bajpai नमस्कार 
बहुत बहुत धन्यवाद  सादर !!!

Comment by sunita dohare on September 8, 2014 at 1:20am

 आदरणीय  डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव  जी , बहुत बहुत धन्यवाद !सादर प्रणाम !!

Comment by sunita dohare on September 8, 2014 at 1:19am

जितेन्द्र 'गीत' जी , बहुत बहुत धन्यवाद !सादर प्रणाम !!

Comment by annapurna bajpai on September 7, 2014 at 5:47pm

वाह !! यह रचना सुंदरतम उपहार है कृष्णा 

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on September 7, 2014 at 12:02pm

आदरणीया

 

कविता क्या  है  मानो कही   से आयी  हो बहार कृष्णा i

स्वीकारो प्रभु,  यह है  इक कवयित्री का उपहार कृष्णा  ii

सादर i

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on September 7, 2014 at 9:54am

बहुत सुंदर प्रस्तुति. बधाई आपको आदरणीया सुनीता जी

Comment by sunita dohare on September 5, 2014 at 4:23pm

 MAHIMA SHREE जी, 
नमस्कार 
बहुत बहुत धन्यवाद !सादर प्रणाम !!

Comment by sunita dohare on September 5, 2014 at 4:22pm

 Pawan Kumar जी,
नमस्कार 
बहुत बहुत धन्यवाद !!!!

Comment by sunita dohare on September 5, 2014 at 4:21pm

narendrasinh chauhan जी , बहुत बहुत धन्यवाद !सादर प्रणाम !!

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