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नहीं मालूम उसे बीमारी क्या है...

मेरे बदन में ये खुमारी क्या है
लो हम आ गए हैं तैयारी क्या है,

अच्छा खासा कारोबार मिट गया
दुकानदार से पूछो उधारी क्या है,

हम आपसे भी सलीके से निभा लेते
ये बताओ अपनी रिश्तेदारी क्या है,

तुम भी यार किससे सवाल करते हो
बेईमानों से पूछा है ईमानदारी क्या है,

वो रोज दवा लेने अस्पताल जाता है
नहीं मालूम उसे बीमारी क्या है।।
— मौलिक व अप्रकाशित
— अतुल

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Comment by savitamishra on July 30, 2014 at 2:35pm

बहुत बढ़िया


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on July 22, 2014 at 12:36am

आप अपनी ऐसी प्रस्तुतियों को यदि ग़ज़ल की संज्ञा देना चाहते हैं तो उसके मिसरों का वज़न दे दिया करें. साथ ही, अन्य ग़ज़लकारों की प्रस्तुतियों को भी देखें, पढ़ें.

शुभेच्छाएँ ..

Comment by Meena Pathak on July 20, 2014 at 6:16pm

बहुत खूब ...बधाई 

Comment by Santlal Karun on July 20, 2014 at 7:51am

आदरणीय अतुल जी,

अच्छी ग़ज़ल प्रस्तुति नवीन भावों के साथ; साधुवाद एवं सद्भावनाएँ !

Comment by वेदिका on July 18, 2014 at 11:52am
अच्छी रचना है। हार्दिक बधाई!
Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on July 17, 2014 at 11:58pm

अच्छा खासा कारोबार मिट गया
दुकानदार से पूछो उधारी क्या है,.......वाह! बहुत बढ़िया. बधाई आदरणीय अतुल जी

Comment by Zaif on July 17, 2014 at 6:05pm
Wah janab !!
Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on July 17, 2014 at 4:00pm

अतुल जी

अति सुन्दर i

हम आपसे भी सलीके से निभा लेते
ये बताओ अपनी रिश्तेदारी क्या है,

कृपया ध्यान दे...

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