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माँ [दोहावली]

माँ है तेरी प्रार्थना ,माँ ही बनी अजान
माँ ही तेरा है खुदा माँ तेरा भगवान |


गीता कुरान में मिले रामायण में वास
माँ की ममता से सदा बढ़ता है विश्वास |


माँ की पूजा तुम करो माँ है खुदा समान
मंदिर मस्जिद ढूंडता घर बैठा भगवान |


मंदिर मस्जिद माँ बनी माँ बनी गुरूद्वार
चढ़ता जो इस नाव पे उतरेगा वो पार |


माँ समझे तेरी ख़ुशी माँ ही समझे पीर
माँ के नैनों से बहे केवल ममता नीर |


बच्चे होते हैं सबल जो माँ का हो साथ
मिलता मनचाहा अगर सिर पर माँ का हाथ |


माँ मूरत भगवान की इसका सुंदर रूप
माँ है छाया पेड़ सी लगने ना दे धूप |

....................................................

मौलिक व अप्रकाशित

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Comment by Sarita Bhatia on May 19, 2014 at 6:15pm

सुरेंदर जी बहुत बहुत शुक्रिया आपको दोहावली पसंद आई 

Comment by Sarita Bhatia on May 19, 2014 at 6:14pm

आदरणीय गिरिराज सर हार्दिक आभार 

Comment by Sarita Bhatia on May 19, 2014 at 6:10pm

शुक्रिया अरुण स्नेह बनाये रखें 

Comment by Sarita Bhatia on May 19, 2014 at 6:09pm

शुक्रिया भाई राम जी 

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on May 18, 2014 at 12:05pm

माँ की पूजा तुम करो माँ है खुदा समान 
मंदिर मस्जिद ढूंडता घर बैठा भगवान |

सुन्दर सन्देश। क़ाश अपने माँ पिता के प्रति सब अंत तक समर्पित रहें
भ्रमर ५


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on May 17, 2014 at 5:11pm

आदरनीया सरिता जी , सुन्दर दोहावली के लिये आपको हार्दिक बधाइयाँ ॥

Comment by अरुन 'अनन्त' on May 16, 2014 at 2:09pm

बहुत सुन्दर प्रस्तुति हार्दिक बधाई स्वीकारें

Comment by ram shiromani pathak on May 15, 2014 at 5:24pm

 सुन्दर प्रस्तुति आदरणीया सरिता  जी ।बहुत बहुत बधाई आपको। सादर 

Comment by Sarita Bhatia on May 15, 2014 at 1:49pm

आदरणीय लक्ष्मण सर हार्दिक आभार 

Comment by Sarita Bhatia on May 15, 2014 at 1:48pm

आदरणीय शिज्जू भाई मुझे लगता है आपको कुछ गलती लग रही है 

पहले तो यह विषम चरण नहीं और दूसरी बात जगन पहला शब्द नही होना चाहिए यहाँ तक मेरी जानकारी है फिर भी सुधीजनों से निवेदन इसे एक बार देख लें हार्दिक आभार 

कृपया ध्यान दे...

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