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अश्क का दरिया भी रुख पे आ गया

अब्रे गम जब दिल पे मेरे छा गया

अश्क का दरिया भी रुख पे आ गया

आइना देखा है जब भी दोस्तों

सामने मेरे मेरा सच  आ गया

यूं तो गुल लाखों थे बगिया में मगर

दिल को लेकिन कोई कांटा  भा गया

वो हसीं गुल आने वाला है इधर

चूम झोंका खुशबू का बतला गया

हाल उनसे कहते दिल का जब तलक

यार नजरों से ही सब जतला गया

जिसने भर दी खार से ये जिन्दगी

फूल नकली दे के फिर बहला गया

मौलिक व अप्रकाशित 

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Comment by MAHIMA SHREE on December 25, 2013 at 10:02pm

हाल उनसे कहते दिल का जब तलक

यार नजरों से ही सब जतला गया.... वाह बेहद उम्दा .. बहुत -२ बधाई आपको  सादर ..

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 25, 2013 at 3:11pm

वाह वाह आदरणीय आशुतोष सर बहुत ही सुन्दर ग़ज़ल कही है अंतिम शेर हेतु विशेष दाद कुबूल फरमाएं.

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on December 25, 2013 at 11:54am

आशुतोष जी

इस अर्थपूर्ण ग़ज़ल के लिए आपको बधाई हो i

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on December 25, 2013 at 6:45am

जिसने भर दी खार से ये जिन्दगी
फूल नकली दे के फिर बहला गया
वाह क्या कहने, आदरणीय भाई आशुतोष जी बधाई .

Comment by coontee mukerji on December 24, 2013 at 10:26pm

हाल उनसे कहते दिल का जब तलक

यार नजरों से ही सब जतला गया..........बहुत खूब.

Comment by Dr Ashutosh Mishra on December 24, 2013 at 7:49pm

आदरणीया अन्नपूर्णा जी हौसला अफजाई के लिए तहे दिल शुक्रिया ..आदरणीय बागी जी के मार्गदर्शन के अनुरूप परिवर्तन कर लिया है .जिससे शेर पहले से बढ़िया हो गया है . आप सभी का स्नेह यूं ही सतत मिलता रहे ..सादर 

Comment by annapurna bajpai on December 24, 2013 at 6:16pm

आ0 आशुतोष जी सुंदर गजल हेतु बधाई स्वीकारें । आ0 बागी जी के द्वारा बताए गए संशोधनों को करके देखिये गजल और अधिक खूबसूरत हो सकती है । सादर 

Comment by Dr Ashutosh Mishra on December 24, 2013 at 5:48pm

आदरणीय श्याम जी .हौसला अफजाई के लिए शुक्रिया .बस यूं ही स्नेह बनाएं रखें सादर 

Comment by Dr Ashutosh Mishra on December 24, 2013 at 5:47pm

आदरणीय बागी सर ..आपका सतत प्रोत्साहन और मार्गदर्शन मुझे मिलता रहा है ..आपके सुझाव मुझे बेहद पसंद आये थोड़े से परिवर्तन से ही शेर खुद मुझे अब बेहतर लग रहा है ,,आपके मार्गदर्शन के अनुरूप परिवर्तित करूंगा ..तहे दिल धन्यवाद और भविष्य में भी आपका स्नेह यथावत मिलता रहे ऐसी कामना के साथ ,,सादर 

Comment by Dr Ashutosh Mishra on December 24, 2013 at 5:42pm

आदरणीय अभिनव जी ..आपके द्वारा उत्साह वर्धन से मुझे सतत ही हौसला मिलता रहा है ..एक बार पुनः हौसला अफजाई के लिए तहे दिल धन्यवाद ..

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