For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

***मैं बहुत हेट करती हूँ ……………***

मैं बहुत हेट करती हूँ ……………


हेट हेट हेट
हाँ
मैं बहुत हेट करती हूँ
ये लव
मुहब्बत
और
प्यार जैसे
सब लफ़्ज़ों से
मुझे हेट होती है
क्या मिलता है आखिर
इन लफ़्ज़ों को ज़िंदगी भर
अपने सीने से लगाकर
अपनी साँसों का
हमदर्द बनाकर
मिलता है तो बस
अश्कों का साथ
तन्हाई की रात
रुसवाई की सौगात
क्या यही इसका अंज़ाम है
मैंने कब चाहा था कि
मेरी पलकों को
सागर सी मुहब्बत का स्वपन मिले
मुझे तो बस
जुगनू से मासूम प्यार की
अभिलाषा थी
एक छोटा सा दिल था
एक छोटी सी आशा थी
प्रणय पंथ पर
असीमित अनुभूतियों के
एक स्पर्श की चाहत थी
क्योँ कोई शूल
स्नेह के आवरण में
अपने ही पुष्पदल को
क्षत विक्षित कर देता है
और दे देता है
उसकी महक को
एक एकांत
और
स्वप्निल आँखों के रेतीले किनारों पर
कभी न सूखने वाला
नमी का तूफ़ान
नहीं मैं ये सब सहन न कर पाऊंगी
सितारों भरी रात से
मैं तन्हा न बतिया पाऊँगी
शायद इसीलिये मैं
प्यार के आमंत्रण को
नेगलेट करती हूँ
और
इन स्वार्थी शब्दों से हेट करती हूँ ,
हेट करती हूँ ………

सुशील सरना

''मौलिक एवं अप्रकाशित ''

Views: 869

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil Sarna on November 29, 2013 at 7:14pm

aa.Coontee Mukerji rachna par aapkee pratikriya ka haardik aabhaar kintu kshma sahit main aapkee is pratikriya ka arth naheen smajh paaya ?

Comment by coontee mukerji on November 29, 2013 at 4:44pm

बहुत सुंदर जैसे देहाती के हाथ (पित्ज़ा-बर्गर)

Comment by Sushil Sarna on November 28, 2013 at 9:05pm

aapkee baat se main sahmat hoon Sandeep Kumar Patel jee lekin ye maatr aik pryog tha ....aapke is sneh ka haardik aabhaar..sneh bnaaye rakhain

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on November 28, 2013 at 8:07pm

आदरणीय ऐसा नहीं लगता है के ये इंग्लिश के शब्द जबरन ठूंस दिए गए हों

जबकि वहाँ हिंदी के शब्द और भी गहरा प्रभाव छोड़ सकते थे

वैसे सृजन के लिए आपको बधाई हो

Comment by Sushil Sarna on November 27, 2013 at 7:23pm

Savitri Rathore jee rachna par aapkee madhur pratikriya ka haardik aabhaar

Comment by Savitri Rathore on November 27, 2013 at 7:08pm

एक सुन्दर रचना के सृजन हेतु आपको बधाई हो।

Comment by Sushil Sarna on November 27, 2013 at 6:24pm

Vijay Mishar jee rachna par aapkee aatmeey prashansa ka haardik aabhaar

Comment by विजय मिश्र on November 27, 2013 at 5:14pm
शव्दों की बाजीगरी लाजवाब है , शुष्क भी ,तरल भी और मृदुल भी . बधाई सुशीलजी .
Comment by Sushil Sarna on November 26, 2013 at 8:46pm

aapke neh ka shukriya Brijesh jee

Comment by बृजेश नीरज on November 26, 2013 at 8:30pm

आदरणीय सुशील जी मेरे कहे को मान देने के लिए आपका हार्दिक आभार!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

anwar suhail updated their profile
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Friday
ajay sharma shared a profile on Facebook
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब।‌ रचना पटल पर समय देकर रचना के मर्म पर समीक्षात्मक टिप्पणी और प्रोत्साहन हेतु हार्दिक…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी लघु कथा हम भारतीयों की विदेश में रहने वालों के प्रति जो…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मनन कुमार जी, आपने इतनी संक्षेप में बात को प्रसतुत कर सारी कहानी बता दी। इसे कहते हे बात…"
Nov 30
AMAN SINHA and रौशन जसवाल विक्षिप्‍त are now friends
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service