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इश्क जब होगा सनम को जमाल कर देंगे

गमजदा लोग ये ऐसा कमाल कर देंगे

इतना रोयेंगे के हँसना मुहाल कर देंगे

 

झूठ कहने में उन्हें इस कदर महारत है

के सजर को भी वो तो नौ निहाल कर देंगे

 

कैसे हैं आज के बच्चे कहें भी क्या उनको

इक जबाब आता नहीं सौ सवाल कर देंगे

 

है यकीं अपनी मुहब्बत पे इस कदर उनको

इश्क जब होगा सनम को जमाल कर देंगे

 

हैं हम आजाद हवा इन्कलाब लाने को

"दीप" को एक सुलगती मशाल कर देंगे

 

संदीप कुमार पटेल "दीप"

मौलिक एवं अप्रकाशित

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Comment

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Comment by Sushil.Joshi on November 14, 2013 at 4:57am

आ0 संदीप भाई...... इस शानदार प्रस्तुति हेतु बहुत बहुत बधाई.....

Comment by अरुन 'अनन्त' on November 13, 2013 at 4:00pm

आदरणीय प्रिय मित्रवर वाह बहुत ही खूबसूरत ग़ज़ल कही है आपने दिली मुबारकबाद कुबूल फरमाएं.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on November 12, 2013 at 5:08pm

//हैं हम आजाद हवा इन्कलाब लाने को

"दीप" को एक सुलगती मशाल कर देंगे//वाह बहुत अच्छा

आदरणीय संदीप जी बेहतरीन ग़ज़ल है, एक बात और आप अपने तखल्लुस को बहुत खूबसूरती से इस्तेमाल करते हैं

Comment by Dr Ashutosh Mishra on November 12, 2013 at 4:57pm

बेहतरीन ग़ज़ल संदीप जी ..मेरी तरफ से ढेरों बधाई स्वीकारें ..सादर 

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on November 12, 2013 at 2:10pm

आदरणीय उमेश जी, आदरणीया सरिता जी , आदरणीय गोपाल जी, आदरणीय अन्नपूर्णा जी, आदरणीय गिरिराज सर, आदरणीय अरुण निगम सर आप सभी का ह्रदय तल से धन्यवाद स्नेह और आशीष यूँ ही बनाये रखिये

आदरणीय गिरिराज सर मार्गदर्शन हेतु आभार ......सादर


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by अरुण कुमार निगम on November 12, 2013 at 8:39am

दीप  जिस  दिन  जलती मशाल हो जाए

हल उस दिन जिंदगी का सवाल हो जाए 

धड़कने  लगे  दिल  सीने  में  पत्थरों के 

संदीप  ग़ज़ल  कहें   तो धमाल हो जाए

 

कैसे हैं आज के बच्चे कहें भी क्या उनको

इक जबाब आता नहीं सौ सवाल कर देंगे.......................वाह भाई वाह !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on November 12, 2013 at 7:38am

आदरणीय सन्दीप भाई , बहुत सुन्दर गज़ल कही है , ढेरों दाद कुबूल करें !!!!

!!!! सजर को शजर कर लीजिये !!!!

Comment by annapurna bajpai on November 11, 2013 at 11:09pm

सुंदर गजल !! आ0 संदीप जी । 

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on November 11, 2013 at 10:55pm

कोई दाद न देगा तो माँ कसम

सारी बस्ती में धमाल कर देंगे

Comment by Sarita Bhatia on November 11, 2013 at 8:34pm

बहुत खूब आदरणीय संदीप जी 

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