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आइना सबको दिखाया जाये

२१२२/११२२/२२

झूठ अब सामने लाया जाये

आइना सबको दिखाया जाये

तीरगी है तो उदासी कैसी

दीप फ़ौरन ही जलाया जाये

आज दिल में है बड़ी बेचैनी

साक़िया  भर के पिलाया जाये

लाडली वो भी किसी मा की है

फिर बहू  को न सताया जाये

तोड़ डाला जो खिलौना उसने

उसको इतना न रुलाया जाये

बात गर करनी मोहब्बत की तो 

दिल से नफरत को मिटाया जाये

रोज बस कहते हवादिस  आते 

आशु लड़ना भी सिखाया जाये 

डॉ आशुतोष मिश्र

मौलिक व अप्रकाशित

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Comment

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Comment by annapurna bajpai on September 24, 2013 at 3:41pm

आदरणीय आशुतोष जी खूबसूरत गजल हेतु बधाई स्वीकारें ।

Comment by Dr Ashutosh Mishra on September 24, 2013 at 2:02pm

आदरणीय परवीन जी , आदरणीया मीना जी ...मेरी ग़ज़ल पर आपकी प्रतिक्रिया से मेरा मनोबल बढ़ा है ..हार्दिक धन्यवाद के साथ 

Comment by Meena Pathak on September 24, 2013 at 12:02pm

बहुत सुन्दर गज़ल .. बधाई स्वीकारें 

Comment by Parveen Malik on September 24, 2013 at 11:49am
आदरणीय आशुतोष जी .. बहुत अच्छी ग़ज़ल है .... बधाई स्वीकारें !
लाडली वो भी किसी माँ की है
बेटियों को न सताया जाये... यह शेर विशेष तौर से पसंद आया !
Comment by Dr Ashutosh Mishra on September 24, 2013 at 10:23am

आदरणीय बागी सर ..आपका मार्गदर्शन एक लम्बे अरसे से प्रतीक्षित था ..आपकी पारखी नजरों से बच पाना बड़ा मुश्किल होता है ..आपके नजरिये से देखने पर एक नयी दृष्टी मिलती है ...सर आखिरी शेर मैंने ये सोचकर लिखा था की लोग बस मुश्किलों की बात ही किया करते हैं पर उनसे कैसे निपटा जाए ये नहीं बताते ...निपटने का हुनर अगर आ जाए तो परेशानी का दर ही नहीं ..ऐसा मैं सोचता हूँ ..यह सही है की नहीं इसपर मार्गदर्शन आप ही कर सकते हैं ..आपका स्नेह और आशीर्वाद इसी तरह भाबिस्य में भी मिलता रहे ..इसी आकांक्षा के साथ ..सादर प्रणाम 

Comment by Dr Ashutosh Mishra on September 24, 2013 at 10:15am

आदरणीया शालिनी जी ..हौसला अफजाई के लिए हार्दिक धन्यवाद ..

Comment by Dr Ashutosh Mishra on September 24, 2013 at 10:14am

आदरणीय जीतेन्द्र जी ..मेरी ग़ज़ल आपको पसंद आयी ..आपके यही स्नेह बना रहे ..सादर 

Comment by Dr Ashutosh Mishra on September 24, 2013 at 10:12am

आदरणीय गिरिराज जी ..आपके मार्गदर्शन के अनुरूप सुधार भी करूंगा और भविष्य में ध्यान भी रखूंगा ..आपका स्नेह मुझे सतत हौसला देता है ..सादर प्रणाम के साथ 

Comment by Dr Ashutosh Mishra on September 24, 2013 at 10:10am

आदरणीय शर्मा जी ..हौसला आफ्जाये के लिए हार्दिक धन्यवाद ..यूं ही स्नेह बनाए रखें 


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on September 24, 2013 at 8:15am

आइना सबको दिखाया जाये

आज सच सबको बताया जाये  …………वाह वाह, खुबसूरत मतला । 

तीरगी है तो उदासी कैसी

दीप फ़ौरन ही जलाया जाये  ………… बढ़िया कहन, 

आज दिल में है बड़ी बेचैनी

साकी जी भर के पिलाया जाये  ……. सानी में बात नहीं बन रही, हाला / प्याला जी भर के पिलाया जाये 

उसको फौलादी बनाना है तो

उसको भूखा न सुलाया जाये  ………यह क्या बात हुई , अगर फौलाद नहीं बनाना है तो भूखा सुलायेंगे ? भर्ती का शेर लगा । 

लाडली वो भी किसी मा की है

बेटियों को न सताया जाये  ………. बेटियों को न सताया जाय !!! भाई किसी को न सताया जाय ।  

तोड़ डाला जो खिलौना उसने

उसको इतना न रुलाया जाये  …… बढ़िया शेर । 

बात गर करनी मोहब्बत की तो 

दिल से नफरत को मिटाया जाये …. बढ़िया शेर, पर कुछ नया कहन होना चाहिए था । 

रोज बस कहते हवादिश आते 

आशु लड़ना भी सिखाया जाये  ………इस शेर तक मैं नहीं पहुँच सका । 

आदरणीय डॉ साहब, सच कहूँ तो आनंद नहीं आया, या यह कहूँ की आप जल्दबाजी में यह ग़ज़ल कही है । बहरहाल इस प्रयास पर बधाई । 

 

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