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सोये वीरों को जगाना चाहते हैं इसलिए "ग़ज़ल"

सोये वीरों को जगाना चाहते हैं इसलिए

वीर रस के गीत गाना चाहते हैं इसलिए

 

माँ बहन बेटी की इज्ज़त से न खेले अब कोई

इक कड़ा कानून लाना चाहते हैं इसलिए

 

मर न जाए कोई भी आदम दवा बिन भूख से

हम गरीबी को हटाना चाहते हैं इसलिए

 

हम विरोधी पश्चिमी तहजीब के हरदम रहे

संस्कृति अपनी बचाना चाहते हैं इसलिए

 

रक्त की नदियाँ बहें ना देश में दंगों से अब

रक्त में अब हम नहाना चाहते हैं इसलिए

 

राह में हुड़दंगियाँ जो कर रहे हैं नौजवाँ

बस अमन औ चैन पाना चाहते हैं इसलिए

 

ठोकरें हमनें जो खाई वो किसी को ना मिलें

राह से पत्थर उठाना चाहते हैं इसलिए  

 

ढूंढते चिंगारियाँ हैं हम अँधेरी राह में

“दीप” इक सच का जलाना चाहते हैं इसलिए

"मौलिक एवं अप्रकाशित

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सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on September 10, 2013 at 7:12pm

बहुत शानदार सार्थक गज़ल 

हर शेर जागृति के लिए जलता हुआ अंगारा है ..बहुत बहुत बधाई 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on September 8, 2013 at 12:09am

प्रिय संदीप जागृति लाती हुई ग़ज़ल बहुत बढ़िया सभी अशआर शानदार हैं दिली दाद कबूलें |

Comment by बृजेश नीरज on September 7, 2013 at 10:42pm

बहुत खूब! वाह! आपको हार्दिक बधाई!

Comment by mrs manjari pandey on September 7, 2013 at 10:20pm

     आदरणीय संदीप जी ,हार्दिक बधाई, उम्द गज़ल !

रक्त की नदियाँ बहें ना देश में दंगों से अब

रक्त में अब हम नहाना चाहते हैं इसलिए

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on September 7, 2013 at 10:02pm

ठोकरें हमनें जो खाई वो किसी को ना मिलें

राह से पत्थर उठाना चाहते हैं इसलिए........ वाह! यह शेर बहुत पसंद आया,

बहुत बढ़िया गजल, हार्दिक बधाई आदरणीय संदीप जी

Comment by Dr Ashutosh Mishra on September 7, 2013 at 4:08pm

संदीप जी आपके जज्वे को सलाम ..कमाल के ग़ज़ल 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on September 7, 2013 at 3:47pm
आदरणीय सन्दीप भाई जी , लाजवाब गज़ल कही है आपने !!!! बधाई !!!!
Comment by ram shiromani pathak on September 7, 2013 at 3:34pm

 आदरणीय संदीप भाई सभी अशआर लाजवाब हैं दिली मुबारकबाद कुबूल करें भाई ///

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on September 7, 2013 at 2:25pm

आदरणीय अरुण भाई साहब सादर

आपकी सराहना पाकर मन प्रसन्न हो उठा ये स्नेह यूँ ही बनाये रखिये

सादर आभार आपका

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on September 7, 2013 at 2:25pm

आपका ह्रदय से धन्यवाद सराहना हेतु आदरणीया मीना जी .....सादर आभार

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