पत्नी बोली अजी सुनते हो
मुनुवा बहुत मिट्टी ख़ाता है
मैने कहा- ये असली राष्ट्र- निर्माता है
क्यूँ घबराती हो डियर
आगे चलकर बनेगा एंजीनियर
आज मिट्टी खा रहा है
कल गिट्टी खाएगा
परसों न जाने कितने पुल सड़क, बाँध और बड़ी- बड़ी परियोजनाओं
को चट कर जाएगा
राष्ट्र की मुख्य धारा मे शामिल हो जाएगा
सच्चे अर्थों मे यही विकास पुरुष कहलाएगा
तुम्हारा सुंदरी करण कराएगा
और मेरी नय्या पार लगाएगा
सच कहता हूँ मैं लड़का बहुत काम आएगा
आदित्य चतुरवेदी
मौलिक/ अप्रकाशित
Comment
वाह… बहुत सुन्दर….
लाजवाब…
सुन्दर व्यंगात्मक रचना आदरणीय आदित्य चतुर्वेदी जी.
परसों न जाने कितने पुल सड़क, बाँध और बड़ी- बड़ी परियोजनाओं
को चट कर जाएगा
राष्ट्र की मुख्य धारा मे शामिल हो जाएगा
सच्चे अर्थों मे यही विकास पुरुष कहलाएगा
बहुत बढिया हास्य व्यंग...हार्दिक बधाई आ० आदित्य चतुर्वेदी जी
आभार / धन्यवाद
ओ. बी. ओ. के भाइयों किया बहुत तारीफ
मुनुवा सबका हो गया, हम भी हुए शरीफ
हम भी हुए शरीफ, फँसी मुनुवा की अम्मा
नेता जेसा चरित्र कर रही छममा- छममा
राजनेताओं की हो गई सीपों- सीपों
आभार सहित, नमस्ते सर, ओ. बी. ओ.
आदित्य चतुर्वेदी
लखनऊ आयोजन के मंच संचालक महोदय का ओबीओ मंच पर स्वागत है। इस धमाकेदार प्रवेश पर आपको बधाई!
बड़ा गहरा और सशक्त व्यंग्य किया है आपने पर इस अंदाज़ के क्या कहने वाह बहुत दिनों के बाद ऐसी व्यंग्य रचना पढ़ी है हार्दिक बधाई श्री आदित्य जी !!
आज मिट्टी खा रहा है
कल गिट्टी खाएगा
परसों न जाने कितने पुल सड़क, बाँध और बड़ी- बड़ी परियोजनाओं
को चट कर जाएगा
राष्ट्र की मुख्य धारा मे शामिल हो जाएगा
सच्चे अर्थों मे यही विकास पुरुष कहलाएगा
गिट्टी शब्द का प्रयोग अच्छा लगा.. .
एक सार्थक हास्य रचना केलिए बधाई.. .
हाहाहा बढ़िया है भाई जी, मुझे यह लड़का तो नहीं लगता. हाहाहा
वाह-वाह बहुत ही अच्छा लिखा है आपने,सादर
सच कहता हूँ ये लड़का हाथ से निकल जायेगा
जो मिटते गित्ते निगले, वह हमें क्या छोड़ेगा |
हां भ्रष्ट भारत में बालक एक और जुड़ जाएगा
हां यह तो सच है ये भी नाम कमाएगा - लक्ष्मण
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