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(होली) इक दूजे पर डालिये ,पुष्प रंग के घोल

मौसम में भी मच रही, फागुन की अब धूम|

झूमें हँस-हँस मंजरी, भँवरे जाते  चूम||

 

डाल-डाल पर खिल रहे,केसर टेसू फूल|

आपस में घुल मिल गए ,बैर भाव को भूल||

 

महकी डाली आम की,मादक-मादक भोर|

लिखती पाती प्रेम की,होकर मस्त विभोर||

 

कान्हा को फुसला रही,फागुन प्रीत बयार|

राधा जी को भा रही,स्नेहिल रंग फुहार||

 

चन्दा ने फैला दिया,चाँदी भरा रूमाल|

सूरज ने बिखरा दिया,पीला ,लाल गुलाल||

 

क्यारी-क्यारी दे रही,महादेव को भंग|

फूल और तरकारियाँ ,बाँट रही हैं रंग|| 

 

तन-मन को भरमा रहे,होली के हुडदंग|

दरवाजे पर बज रहे,ढ़ोला फाग  मृदंग||  

 

होली में मत भूलिये ,आँखें हैं अनमोल|

इक दूजे पर डालिये ,पुष्प रंग के घोल||

*****************************              

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सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on March 22, 2013 at 8:15pm

प्रिय प्राची जी आपकी प्रतिक्रिया से मन फाग की फुहार सम मस्त विभोर हो गया,होली की  अग्रिम बधाईयां|


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on March 22, 2013 at 3:32pm

आदरणीया राजेश कुमारी जी 

बहुत बहुत मज़ा आ गया इतनी सुन्दर दोहावली पढ़ कर 

आपकी कल्पनाशीलता के माधुर्य की मैं सच में कायल हूँ......

चन्दा ने फैला दिया,चाँदी भरा रूमाल|

सूरज ने बिखरा दिया,पीला ,लाल गुलाल||...........वाह कितना खूबसूरत दृश्य उकेरा है, मानों पूरी प्रकृति होली की तैयारियों में लगी हमारे साथ आनंदित है... बहुत सुन्दर,

डाल-डाल पर खिल रहे,केसर टेसू फूल|

आपस में घुल मिल गए ,बैर भाव को भूल||........यकीन मानिए अपने कॉलेज से घर तक के खूबसूरत रास्ते पर पेड़ों से झूलते रंग बिरंगे फूलों को देख आजकल मुझे भी ऐसा ही लगता है....

हर दोहा लाजवाब है..

इस खूबसूरत दोहावली के लिए दिल से ढेर ढेर सारी बधाई दे रही हूँ.

होली की बहुत बहुत शुभकामनाओं के साथ

सादर.

 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on March 21, 2013 at 4:48pm

राजेश कुमार झा जी हार्दिक आभार दोहे आपको रुचिकर लगे होली की अग्रिम बधाई|

Comment by राजेश 'मृदु' on March 21, 2013 at 4:36pm

सुंदर चित्रण के साथ अंत में अच्‍छा संदेश भी ' आंखों का रखें खयाल', सादर


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on March 21, 2013 at 11:07am

राम शिरोमणि पाठक जी इस सराहना हेतु दिल से आभार होली की बधाई आपको |

Comment by ram shiromani pathak on March 21, 2013 at 11:03am

मौसम में भी मच रही, फागुन की अब धूम|

झूमें हँस-हँस मंजरी, भँवरे जाते  चूम||

 

डाल-डाल पर खिल रहे,केसर टेसू फूल|

आपस में घुल मिल गए ,बैर भाव को भूल||

 

आदरणीया राजेश कुमारी जी,बहोत  ही सुन्दर चित्रण किया है आपने ...प्रणाम सहित हार्दिक बधाई 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on March 21, 2013 at 9:14am

केवल प्रसाद जी  हार्दिक आभार आपको दोहे रुचिकर लगे होली की शुभ शुभकामनाएं|


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on March 21, 2013 at 9:13am

ब्रजेश कुमार सिंह जी हार्दिक आभार आपको दोहे रुचिकर लगे होली की शुभ कामनाए|

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on March 20, 2013 at 8:00pm

आदरणीय राजेश कुमारी जी, बहुत सुन्दर दोहे शुभकामनाएं! 

Comment by बृजेश नीरज on March 20, 2013 at 7:53pm

आदरणीया राजेश कुमारी जी आपने ओ बी ओ पर होली का शुभारंभ बहुत ही गहरे रंगों से किया है। इन बेहतरीन दोहों के लिए मेरी बधाई स्वीकारें।
आभार सहित!

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