होली गीत
अर र र र देखो सखी तो पूरी लाल हुई
रंग ना गुलाल मै तो शर्म से लाल हुई।
पीर ना दहन मोरे तन मन में आग लगी -2
चाम ना वसन जले मै तो जल लाल हुई।
रंग ना-------------
ले के रस रंग चली देवरों की टोली - 2
घेर घेर घेर मई तो जय कन्हैया लाल हुई।
रंग ना -------------
आज तो बाबा भी करे हैं ठिठोली - 2
लाज की चुनर ओढ़ मै हँस हँस निहाल हुई।
रंग ना --------------
पिया संग मनभावन होरी है आई सखी
केसर कुंकुम उड़े मै तो पूरी लाल हुई।
रंग ना --------------
Comment
आदरणीय डॉक्टर अजय खरे जी होली गीत की सराहना के लिए बहुत बहुत साधुवाद।
डॉक्टर राम शिरोमणि पाठक जी जी होली गीत को पसंद कर मेरा उत्साहवर्धन करने के लिए बहुत बहुत
पंकज त्रिवेदी जी जी होली गीत को पसंद कर मेरा उत्साहवर्धन करने के लिए बहुत बहुत
योगी सारस्वत जी जी होली गीत को पसंद कर मेरा उत्साहवर्धन करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।
दिनेश ध्यानी जी होली गीत को पसंद कर मेरा उत्साहवर्धन करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।
आज तो बाबा भी करे हैं ठिठोली - 2
लाज की चुनर ओढ़ मै हँस हँस निहाल हुई।
रंग ना --------------
पिया संग मनभावन होरी है आई सखी
केसर कुंकुम उड़े मै तो पूरी लाल हुई।
रंग ना --------------
होली है ............
पिया संग मनभावन होरी है आई सखी
केसर कुंकुम उड़े मै तो पूरी लाल हुई।
रंग ना --------------
सम्माननीया मंजरी जी,
क्या अदभुत भावाभिव्यक्ति है... मन नाच उठा जैसे मयूर बनकर...
जीवन के वैविध्य रंगों का प्रतिक है होली...
बधाई..
अर र र र देखो सखी तो पूरी लाल हुई...............bahot hi badiya adarneeyaa
holi ke pahale hi adarniy aapne rango se sarabor kar diya badhai mam
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