For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गणतंत्र दिवस पर विशेष गीत: संजीव 'सलिल'

गणतंत्र दिवस पर विशेष गीत:

लोकतंत्र की वर्ष गांठ पर
संजीव 'सलिल'
*
लोकतंत्र की वर्ष गांठ पर
भारत माता का वंदन...

हम सब माता की संतानें,
नभ पर ध्वज फहराएंगे.
कोटि-कोटि कंठों से मिलकर
'जन गण मन' गुन्जायेंगे.
'झंडा ऊंचा रहे हमारा',
'वन्दे मातरम' गायेंगे.
वीर शहीदों के माथे पर
शोभित हो अक्षत-चन्दन...

नेता नहीं, नागरिक बनकर
करें देश का नव निर्माण.
लगन-परिश्रम, त्याग-समर्पण,
पत्थर में भी फूंकें प्राण.
खेत-कारखाने, मन-मन्दिर,
स्नेह भाव से हों संप्राण.
स्नेह-'सलिल' से मरुथल में भी
हरिया दें हम नन्दन वन... 

दूर करेंगे भेद-भाव मिल,
सबको अवसर मिलें समान.
शीघ्र और सस्ता होगा अब
सतत न्याय का सच्चा दान.
जो भी दुश्मन है भारत का
पहुंचा देंगे उसे मसान.
सारी दुनिया लोहा मने
विश्व-शांति का हो मंचन...

***

गणतंत्र दिवस पर विशेष गीत:
ध्वजा तिरंगी...
संजीव 'सलिल'
*
ध्वज तिरंगी मात्र न झंडा
जन गण का अभिमान है.
कभी न किंचित झुकने देंगे,
बस इतना अरमान है...
*
वीर शहीदों के वारिस हम,
जान हथेली पर लेकर
बलिदानों का पन्थ गहेंगे,
राष्ट्र-शत्रु की बलि देकर.
सरे जग को दिखला देंगे
भारत देश महान है...
*
रिश्वत-दुराचार दानव को,
अनुशासन से मारेंगे.
पौधारोपण, जल-संरक्षण,
जीवन नया निखारेंगे.
श्रम-कौशल को मिले प्रतिष्ठा,
कण-कण में भगवान है...
*
हिंदी ही होगी जग-वाणी,
यह अपना संकल्प है.
'सलिल' योग्यता अवसर पाए,
दूजा नहीं विकल्प है.
सारी दुनिया कहे हर्ष से,
भारत स्वर्ग समान है...
****

Views: 1091

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Alpana Verma on February 3, 2013 at 4:40pm

प्रतिटिप्पणी में इतनी सुन्दर आशु कविता के लिए आभार सलील जी.

Comment by sanjiv verma 'salil' on February 3, 2013 at 3:44pm

धन्यवाद.
देश-आँगन में सजी हो, अल्पना उत्साह की.
नमन सारा जग करे- लख, कल्पना शुभ चाह की..
आइए! हम सब मिलाकर हाथ, भावी को गढ़ें-
चाह कर भी गह न पाए असलियत आरी थाह की.. 

Comment by Alpana Verma on February 1, 2013 at 4:25pm

देश का नवनिर्माण हो..और हिंदी जग वाणी  बने...हम भी येही चाहते हैं.

आशाओं के तारों में बंधी देश प्रेम लिए सरल शब्दों में पिरोये  हुए ये दोनों ही गीत बहुत अच्छे लगे.

Comment by sanjiv verma 'salil' on January 29, 2013 at 8:56pm

राजेश जी, प्रभाकर जी
आपके सहृदयता को नमन.

Comment by Prabhakar Pandey on January 29, 2013 at 5:24pm

सम्माननीय सर,

माँ भारती का शत-शत नमन करते हुए बस इतना ही कहूँगा कि माँ के चरणों में समर्पित ये आपकी रचना रूपी पुष्प काव्य जगत को गमकाने वाले हैं, महकाने वाले हैं।। सादर।।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on January 27, 2013 at 11:46am

आदरणीय सलिल जी दोनों गीत शानदार हैं देश भक्ति का जज्बा पैदा करते हैं बहुत बहुत बधाई और शुभ कामनाएं 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 27, 2013 at 12:06am

गणतंत्र दिवस के अवसर पर आपको भी सादर शुभकामनाएँ, आपकी ही पंक्तियों के साथ -

ध्वज तिरंगी मात्र न झंडा
जन गण का अभिमान है.
कभी न किंचित झुकने देंगे,
बस इतना अरमान है...

Comment by sanjiv verma 'salil' on January 26, 2013 at 4:33pm

आत्मीय नवीन जी, प्राची जी, बागी जी, लक्ष्मन जी
वन्दे मातरम
अपने रचना सराह कर आशीषित किया, आभारी हूँ. टंकण त्रुटी हेतु खेद है. बागी जी कृपया यथोचित संशोधन कर दें आभार होगा.

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on January 26, 2013 at 3:18pm

सारी दुनिया कहे हर्ष से, भारत स्वर्ग समान है...  हम सबकी ही यह हार्दिक अभिलाषा है जिसके लिए हमको संकल्प कर प्रयास्राथोना होगा । 

लोकतंत्र की वर्ष गांठ पर भारत माता का वंदन... सारी दुनिया लोहा मने विश्व-शांति का हो मंचन... बहुत सुन्दर श्रेष्ठतम गीत, हार्दिक बधाई 

आदरणीय संजीव सलिल जी 

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on January 26, 2013 at 2:23pm

//जो भी दुश्मन है भारत का
पहुंचा देंगे उसे मसान.
सारी दुनिया लोहा माने 
विश्व-शांति का हो मंचन...
//

बहुत बढ़िया , सीधे दुश्मन को ललकार रही है यह रचना, लग रहा टंकण त्रुटि के कारण मने(माने) टंकित हो गया है, यदि अनुमति दे तो एडिट कर दूँ ।

//हिंदी ही होगी जग-वाणी,
यह अपना संकल्प है.
'सलिल' योग्यता अवसर पाए,
दूजा नहीं विकल्प है.
सारी दुनिया कहे हर्ष से,
भारत स्वर्ग समान है...//

बहुत ही सार्थक कामना आचार्य जी , दूसरी रचना बहुत ही सुन्दर , भावप्रधान बन पड़ी है । बहुत बहुत बधाई स्वीकार करें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"रजाई को सौड़ कहाँ, अर्थात, किस क्षेत्र में, बोला जाता है ? "
23 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय "
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय  सौड़ का अर्थ मुख्यतः रजाई लिया जाता है श्रीमान "
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"हृदयतल से आभार आदरणीय 🙏"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , दिल  से से कही ग़ज़ल को आपने उतनी ही गहराई से समझ कर और अपना कर मेरी मेनहत सफल…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , गज़ाल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका ह्रदय से आभार | दो शेरों का आपको…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"इस प्रस्तुति के अश’आर हमने बार-बार देखे और पढ़े. जो वाकई इस वक्त सोच के करीब लगे उन्हें रख रह…"
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, बहरे कामिल पर कोई कोशिश कठिन होती है. आपने जो कोशिश की है वह वस्तुतः श्लाघनीय…"
Wednesday
Aazi Tamaam replied to Ajay Tiwari's discussion मिर्ज़ा ग़ालिब द्वारा इस्तेमाल की गईं बह्रें और उनके उदहारण in the group ग़ज़ल की कक्षा
"बेहद खूबसूरत जानकारी साझा करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया आदरणीय ग़ालिब साहब का लेखन मुझे बहुत पसंद…"
Tuesday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Tuesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।   ........   धरा चाँद जो मिल रहे, करते मन…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"आम तौर पर भाषाओं में शब्दों का आदान-प्रदान एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। कुण्डलिया छंद में…"
Monday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service