For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

यह तेरी अर्जी है.....

यह तेरी अर्जी है
या फिर खुदगर्जी है

सिल ही देंगी गम को
सांसे भी दर्जी है

मैं तुम से रूठा हूँ
तुहमत ये फर्जी है

दिल मेरा है सोना
बहता गम बुर्जी है

गर्दिश, ग़ज़लें, गश्ती
यह मेरी मर्जी है 
~अमितेष
("मौलिक व अप्रकाशित")

Views: 618

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by अरुन 'अनन्त' on January 30, 2013 at 11:22am

वाह अमितेष छोटी बहर में शानदार ग़ज़ल बन पड़ी है दाद कुबूलें.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on January 30, 2013 at 10:38am

सुन्दर ग़ज़ल अमितेष जी, हार्दिक दाद क़ुबूल करें इतनी छोटी बहर पर इतना भाव प्रधान व प्रवाहमय लिखने के लिए.

एक बात: क्या मर्जी दर्जी अर्जी फर्जी खुदगर्जी के साथ बुर्जी लेना सही होगा????


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on January 30, 2013 at 10:12am

सिल ही देंगी गम को
सांसे भी दर्जी है----बहुत उम्दा शेर ,वैसे पूरी ग़ज़ल ही काबिले तारीफ है 

Comment by अमि तेष on January 28, 2013 at 2:02pm

sukriya

Comment by ram shiromani pathak on January 28, 2013 at 1:50pm

वाह वाह क्या रचना है!

Comment by अमि तेष on January 27, 2013 at 5:59pm

शुक्रिया सीमा जी 

Comment by seema agrawal on January 27, 2013 at 4:05pm

वाह वाह .....इतनी छोटी बहर में बहुत  बहाव  के साथ गज़ल कही है आपने काफिया भी बहुत रोचक है 

यह तेरी अर्जी है
या फिर खुदगर्जी है

मैं तुम से रूठा हूँ
तुहमत ये फर्जी है

.....बात करते हुए शब्द 

सिल ही देंगी गम को
सांसे भी दर्जी है...वाह कुछ नयापन मिला इस बात में (पर यहाँ है की जगह रदीफ  हैं हो गया है शायद देख लीजियेगा )

गर्दिश, ग़ज़लें, गश्ती
यह मेरी मर्जी है ..........क्या कहने 

बढ़िया गज़ल अमितेष जी 

Comment by अमि तेष on January 27, 2013 at 12:58am

शुक्रिया गणेश दादा 


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on January 26, 2013 at 2:17pm

//सिल ही देंगी गम को
सांसे भी दर्जी है//

सुन्दर कहन , अच्छी ग़ज़ल , बधाई अमितेष जी ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"जय-जय, जय हो "
6 hours ago
Admin replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"स्वागतम"
7 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Dec 13
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Dec 13

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service