-1-
बीज रूप ॐ मिला,जग को आधार मिला,
शक्ति रूप में हुआ है,तेरा विस्तार माँ !
हर युग में कपूत , देते रहे कष्ट धूप ,
उनका भी हित किया,कितनी उदार माँ !
आँचल की छांह मिल,दुख सारे गए मिट ,
तेरे नयनों से झरे ,हर पल प्यार माँ !
कोई नहीं दुनिया में,तुझसा कृपालु मात ,
सामने तुम्हारे लघु , सारा संसार माँ !!
-2-
सरस,सरल,मृदु ,अधरों पै हास धर ,
पल-पल बिखराती,नित दिव्य-ज्ञान माँ !
स्वाभिमानी,स्वावलंबी,पंख मिले उन्नति को,
अथक है गतिमान ,मेरा दिनमान माँ !
वंदना करे तुम्हारी, सारा जग बलिहारी ,
आदि-अंत,तुमसे ही , मेरी पहचान माँ !
मात तुम सीप सम ,नन्हे-नन्हे मोती हम,
गर्भ में मिला है तेरे ,हमें प्राण दान माँ !!
Comment
सुन्दर भावाभिव्यक्ति
सादर स्वागत है
जय माता दी सुन्दर प्रस्तुति
आपका सादर स्वागत है आदरणीया.
गर्भ में मिला है तेरे ,हमें प्राण दान माँ !!
मृत्यु सर्वथा सत्य है, साथ ही प्राणों का उद्भव माता के द्वारा है, यह भी सर्वथा सत्य है| धन्य है जननी, जो प्राणदान के साथ अपना जीवन समर्पण भी कर देती है ||| आपके ब्लॉग की पहली रचना के इतने भावपूर्ण होने पर बहुत बधाई, भावना जी |||
प्रथम प्रस्तुति के साथ स्वागत है आपका
बहुत सुन्दर और प्रभावशाली घनाक्षरी के लिए हार्दिक बधाई भावना जी
आदरेया भावना जी
सादर, माँ को समर्पित सुन्दर घनाक्षरी रचना पर बधाई स्वीकारें.स्वागत है.
आदरणीया डॉ. भावना जी,
जगज्जननी माँ शक्ति स्वरूपा को समर्पित घनाक्षरी छंद बेहद सरस व प्रवाहमय है.
प्रथम दो पंक्तियाँ बेहद गहन और सुन्दर हैं
बीज रूप ॐ मिला,जग को आधार मिला,
शक्ति रूप में हुआ है,तेरा विस्तार माँ !
हार्दिक बधाई इस बेहतरीन पवित्रतम भावयुक्त प्रथम ब्लॉग पोस्ट पर.
मात तुम सीप सम ,नन्हे-नन्हे मोती हम,
गर्भ में मिला है तेरे ,हमें प्राण दान माँ !! - सुन्दर समर्पित भावों के साथ प्रविष्टि के लिए बधाई और शुभ कामनाए
आदरणीया भावना जी सादर प्रणाम
बहुत सुन्दर घनाक्षरी रची है माँ के सन्दर्भ में आपने सादर बधाई आपको
बीज रूप ॐ मिला,जग को आधार मिला,
शक्ति रूप में हुआ है,तेरा विस्तार माँ !
हर युग में कपूत , देते रहे कष्ट धूप ,
उनका भी हित किया,कितनी उदार माँ !
आँचल की छांह मिल,दुख सारे गए मिट ,
तेरे नयनों से झरे ,हर पल प्यार माँ !
कोई नहीं दुनिया में,तुझसा कृपालु मात ,
सामने तुम्हारे लघु , सारा संसार माँ !!
bahut sundar bhavnayen prastut kee hain aapne bhavna ji.pahli blog post maa ko samarpit kar aapne apna jeevan dhanya kar liya hai .aabhar
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