============= गीत =============
मेरी इबादत हो तुम्ही, मेरा हो पूजन, ऐ मेरे सजन
मेरा ये तन औ ये मन, तुमको है अर्पण, ऐ मेरे सजन
सुबहो शाम, रात दिन, याद मुझे आ रहे
वो बिताये पल सुहाने नैनों में समा रहे
खिल रहे नए पुष्प, मन की वाटिका में गा रहे
तुमसे ही चलती हैं साँसे तुमसे है जीवन, ऐ मेरे सजन
मेरी इबादत हो तुम्ही, मेरा हो पूजन, ऐ मेरे सजन
मेरा ये तन औ ये मन, तुमको है अर्पण, ऐ मेरे सजन
छा रहे है मेघ घने आपकी ही प्रीत के
मस्त हवाओं के झोंके गा रहे हैं गीत से
हार के सब कुछ मैं अपना ख्वाब देखूं जीत के
प्रेम की बारिश से जैसे जल रहा है मन, ऐ मेरे सजन
मेरी इबादत हो तुम्ही, मेरा हो पूजन, ऐ मेरे सजन
मेरा ये तन औ ये मन, तुमको है अर्पण, ऐ मेरे सजन
नैन हैं मधुकर से तेरे, होंठ लगे फूल से
चाँद से चहरे के आगे, सब लगे हैं धूल से
डर रहे हैं दिल कभी दुखे न मुझसे भूल से
तुम धरा हो ये हसीं या हो तुम गगन, ऐ मेरे सजन
मेरी इबादत हो तुम्ही, मेरा हो पूजन, ऐ मेरे सजन
मेरा ये तन औ ये मन, तुमको है अर्पण, ऐ मेरे सजन
संदीप पटेल "दीप"
Comment
आदरणीय अलबेला सर जी आपकी वाह से तो गीत में प्राण आ गए लगता है स्नेह बनाये रखिये
सादर धन्यवाद सहित सादर आभार
आदरणीय अम्बरीश सर जी आपकी इस प्रतिक्रिया का प्रसाद पा कर मैं धन्य अनुभव कर रहा हूँ
इसी तरह मार्गदर्शन और उत्साह वर्धन की अभिलाषा रहेगी सदैव आपका कोटि कोटि आभार
//मेरी इबादत हो तुम्ही, मेरा हो पूजन, ऐ मेरे सजन
मेरा ये तन औ ये मन, तुमको है अर्पण, ऐ मेरे सजन//
मित्र संदीप जी, गीत रचने का बहुत अच्छा प्रयास किया है आपने .....बहुत बहुत बधाई मित्र ! अभ्यास करते रहिये ...निखार स्वतः आता रहेगा ... सस्नेह
वाह वाह
बहुत सुन्दर
हार के सब कुछ मैं अपना ख्वाब देखूं जीत के
प्रेम की बारिश से जैसे जल रहा है मन, ऐ मेरे सजन
__बधाई इस प्यारी रचना के लिए संदीप जी
बहुत बहुत धन्यवाद आपका आ. राज तोमर जी
सादर आभार
बहुत बहुत आभार भाई अरुण जी स्नेह बनाये रखिये
" छा रहे है मेघ घने आपकी ही प्रीत के
मस्त हवाओं के झोंके गा रहे हैं गीत से
हार के सब कुछ मैं अपना ख्वाब देखूं जीत के
प्रेम की बारिश से जैसे जल रहा है मन, ऐ मेरे सजन "
बहुत ही शानदार, भाई साब ..:)
सुन्दर गीत संदीप जी, बधाई स्वीकार कीजिये.....
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