For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"हमे तुमसे कितनी मोहब्बत है"

मेरी जिन्दगी के साथी,
आज तुमको बताते है
की हमे तुमसे कितनी मोहब्बत है.........

जितना चाँद को है चकोर से,
जितना पपिहे को है ओस से,
जितना साँसो को है धड़कन से,
जितना प्यासे को है पानी से,
जितना नदी को है धारे से,
जितना कश्ती को है किनारे से,
जितना खुशबू को है फुल से,
जितना रास्ते को है धुल से,
जितना शमा को है परवाने से,
जितना दिवानी को है दिवाने से,
जितना शराबी को है मयखाने से,
जितना दरवेश को है दरगाह से,
जितना बन्दे को है खुदा से !!!!!!

Views: 537

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Kanchan Pandey on May 1, 2010 at 10:42am
Par muhabat hai kitani ? yey to pata hi nahi chala , Don't mind, I am joking, achha likha hai,
Comment by Sanjay Kumar Singh on April 28, 2010 at 10:03pm
जितना दिवानी को है दिवाने से,
जितना शराबी को है मयखाने से,
जितना दरवेश को है दरगाह से,
जितना बन्दे को है खुदा से !!!!!!
bahut khub, Muhabat sey labrej muhabat karney walo key liyey aek behtarin tohafa hai Raju jee, badhiya likhey hai,
Comment by Admin on April 28, 2010 at 8:44am
बहुत बढ़िया राजू भाई,आपने अच्छी तरह से अपने मोहब्बत को जताया है , अच्छा है, पहले से आप की लेखन की धार में बहुत ही सुधार आ रहा है, ऐसे ही लिखते रहिये अच्छा जा रहे है |

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on April 26, 2010 at 10:24pm
wah bhai wah, aap to faire par faire kartey jaa rahey hai, aap apaney jindgi key sathi ko apaney jindgi sey bhi jyada pyar kartey hai bata diya hai apaney kavita mey, bahut badhiya, aap to chha gayey hai Raju bhai,
Comment by PREETAM TIWARY(PREET) on April 26, 2010 at 10:12pm
waah raju bhai bahut badhiya........raua ta ek par ek badhiya rachna likh ke dhamaka kar de rahal bani.......
हमे तुमसे कितनी मोहब्बत है.........

जितना चाँद को चकोर से,
जितना पपिहे को ओस से,
जितना साँसो को है धड़कन से,
जितना प्यासे को है पानी से,
bahut bahut badhiya baa..................

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"वाह बहुत खूबसूरत सृजन है सर जी हार्दिक बधाई"
15 hours ago
Samar kabeer commented on Samar kabeer's blog post "ओबीओ की 14वीं सालगिरह का तुहफ़ा"
"जनाब चेतन प्रकाश जी आदाब, आमीन ! आपकी सुख़न नवाज़ी के लिए बहुत शुक्रिय: अदा करता हूँ,सलामत रहें ।"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 166 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Tuesday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ पचपनवाँ आयोजन है.…See More
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"तकनीकी कारणों से साइट खुलने में व्यवधान को देखते हुए आयोजन अवधि आज दिनांक 15.04.24 को रात्रि 12 बजे…"
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, बहुत बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय समर कबीर जी हार्दिक धन्यवाद आपका। बहुत बहुत आभार।"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जय- पराजय ः गीतिका छंद जय पराजय कुछ नहीं बस, आँकड़ो का मेल है । आड़ ..लेकर ..दूसरों.. की़, जीतने…"
Sunday
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जनाब मिथिलेश वामनकर जी आदाब, उम्द: रचना हुई है, बधाई स्वीकार करें ।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a blog post

ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना

याद कर इतना न दिल कमजोर करनाआऊंगा तब खूब जी भर बोर करना।मुख्तसर सी बात है लेकिन जरूरीकह दूं मैं, बस…See More
Saturday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"मन की तख्ती पर सदा, खींचो सत्य सुरेख। जय की होगी शृंखला  एक पराजय देख। - आयेंगे कुछ मौन…"
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"स्वागतम"
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service