देश हित वाली बात हिल-मिल सुनाइए
ज्ञान का प्रकाश दे जो दीप वो जलाइए
देश पर विदेशियों की रीत न चलाइए
मान सम्मान अपने देश का बचाइये
अपना संस्कारों वाला देश नव बनाइये
रीत औ रिवाजों वाले गीत अब गाइए
छोटों को गरीबों को कभी मत सताइए
हो सके तो उनको भी गले से लगाइए
संदीप पटेल "दीप"
Comment
आप सभी आदरणीय मित्रों और अग्रजों का ह्रदय से बहुत बहुत धन्यवाद और सादर आभारी हूँ
समयाभाव की वजह से सबको प्रथक प्रथक टिपण्णी न कर पाने का सदैव ही खेद रहता है
किन्तु आप अपना स्नेह और आशीर्वाद यूँ ही मेरी रचनाओं पर बनाये रखिये
आपके दिए बेशकीमती समय का ऋणी हूँ
सुन्दर आलोकित करती सार्थक रचना पर हार्दिक बधाई दीप जी!
संदीप जी सुन्दर छंद बध रचना ..बधाई
वाह वाह वाह वाह
बहुत खूब संदीप पटेल दीप जी.........
छोटों को गरीबों को कभी मत सताइए
हो सके तो उनको भी गले से लगाइए
__शानदार रचना !
बधाई !
बहुत खूब संदीप पटेल जी
आपने इस छंद के माध्यम से राष्ट्रीयता की अलख जगा दी
हार्दिक बधाई एवं धन्यवाद
छोटों को गरीबों को कभी मत सताइए
हो सके तो उनको भी गले से लगाइए
संदीप जी
वाह बहुत खूब
बधाई आपको
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