For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मुहब्बत कर लें

आओ मिल जुल के इस दुनियाँ से मुहब्बत कर लें

अमन-ओ-चैन का हर दिल में इक जज़्बा भर दें
गर तेरे शहर मंदिर नहीं कोई बात नहीं
हमको ले चल तू मस्जिद में इबादत कर लें
फर्क मज़हब में गर होता तो रंग-ए-खूँ भी अलग होता
तेरा पीला उसका नीला कहाँ लाल होता
तेरे अल्ला मेरे भगवान में कोई फर्क नहीं 
हो न ऐतवार तो चल उनसे ही शिकायत कर लें 
दीपक शर्मा 'कुल्लुवी'
24 /05 /2012 .
09350078399

Views: 416

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Deepak Sharma Kuluvi on October 6, 2012 at 5:07pm

thanks all

Comment by Ashok Kumar Raktale on June 1, 2012 at 9:16pm

कुल्लुवी जी
           सादर, बहुत सुन्दर रचना.बधाई.
फर्क मज़हब में गर होता तो रंग-ए-खूँ भी अलग होता
तेरा पीला उसका नीला कहाँ लाल होता

Comment by Deepak Sharma Kuluvi on May 28, 2012 at 10:47am

sabka shukriya jinhen rachna acchhi lagi unka aur bhi jyada jinhen nahin lagi kyonki unke liye agli rachna teyyar hai

Comment by आशीष यादव on May 26, 2012 at 10:20am

बिल्कुल सही रचना प्रस्तुत की है आपने।
बधाई


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on May 25, 2012 at 1:24pm

बहुत ही सुदर संदेशपरक प्रस्तुति ..बहुत खूब 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on May 24, 2012 at 6:33pm

aadarniya deepak ji, saadar 

bahut sundar sandesh. bahut kuch kah diya badhai

Comment by Deepak Sharma Kuluvi on May 24, 2012 at 5:30pm

shukriya baggi ji ganesh ji


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on May 24, 2012 at 5:24pm

वाह वाह, सांप्रदायिक सौहार्द को समर्पित एक बहुत ही खुबसूरत रचना, बधाई दीपक कुल्लवी जी,

Comment by ganesh lohani on May 24, 2012 at 3:02pm

 वाह बहुत खूब फ़रमाया आपने शर्मा जी

तेरे अल्ला मेरे भगवान में कोई फर्क नहीं 
हो न ऐतवार तो चल उनसे ही शिकायत कर लें 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

anwar suhail updated their profile
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
yesterday
ajay sharma shared a profile on Facebook
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Monday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब।‌ रचना पटल पर समय देकर रचना के मर्म पर समीक्षात्मक टिप्पणी और प्रोत्साहन हेतु हार्दिक…"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी लघु कथा हम भारतीयों की विदेश में रहने वालों के प्रति जो…"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मनन कुमार जी, आपने इतनी संक्षेप में बात को प्रसतुत कर सारी कहानी बता दी। इसे कहते हे बात…"
Sunday
AMAN SINHA and रौशन जसवाल विक्षिप्‍त are now friends
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service