For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल नूर की - अँधेरे पल में ख़ुद के ‘नूर’ का दीदार हो जाना

.

अँधेरे पल में ख़ुद के ‘नूर’ का दीदार हो जाना
ये ऐसा है कि दुनियावी बदन के पार हो जाना.
.
कई सदियों से बस किरदार बन कर थक चुका हूँ मैं
मेरी है मुख़्तसर ख़्वाहिश कहानी-कार हो जाना.
.
दुआ है, जान है जब तक मेरा ये जिस्म चल जाए
बहुत रंजीदा करता है यूँ ही बेकार हो जाना.  
.
जिन्हें मैं जोड़ने में रोज़ थोड़ा टूट जाता था
उन्हें भी रास आया है मेरा मिस्मार हो जाना.     (तक़ाबुले रदीफ़ स्वीकर करते हुए)
.
मेरी बातें वही समझेंगे जिन के बेटियाँ भी हैं
हिफ़ाज़त गुल की करनी हो तो ख़ुद ही ख़ार हो जाना.
.
मेरा चेहरा मेरी आँखें बयाँ मुझ को नहीं करते
सिखाया ही नहीं मैंने इन्हें अख़बार हो जाना.
.
निलेश "नूर"
मौलिक/ अप्रकाशित 

Views: 269

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Nilesh Shevgaonkar on June 28, 2023 at 11:18am

धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी 

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on June 27, 2023 at 6:33pm

आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। सुन्दर गजल हुई है। हर शेर बेहतरीन हैं । हार्दिक बधाई।

Comment by Nilesh Shevgaonkar on June 26, 2023 at 12:23pm

धन्यवाद आ. श्याम नारायण वर्मा साहब 

Comment by Shyam Narain Verma on June 25, 2023 at 8:04pm
नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर
Comment by Nilesh Shevgaonkar on June 20, 2023 at 12:52pm

शुक्रिया आ. गुरप्रीत सिंह जी 

Comment by Gurpreet Singh jammu on June 19, 2023 at 9:15pm

कई सदियों से बस किरदार बन कर थक चुका हूँ मैं
मेरी है मुख़्तसर ख़्वाहिश कहानी-कार हो जाना.


मेरी बातें वही समझेंगे जिन के बेटियाँ भी हैं
हिफ़ाज़त गुल की करनी हो तो ख़ुद ही ख़ार हो जाना.

मेरा चेहरा मेरी आँखें बयाँ मुझ को नहीं करते
सिखाया ही नहीं मैंने इन्हें अख़बार हो जाना.

वाह सर जी वाह क्या खुबसूरत अशआर कहे हैं आपने। बहुत बढ़िया ग़ज़ल।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"शुक्रिया आदरणीया "
4 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"शुक्रिया आदरणीय "
4 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"जी नहीं। बिल्कुल नहीं हैं। किसी के भी अनुभव किसी के भी ग़ुलाम नहीं हैं। सिर्फ़ इस मंच को ओपन मंच…"
4 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"आदरणीय अमित जी  सुधार की कोशिश कृपया देखियेगा  सादर  महब्बतों से यहाँ दिल मिले हैं…"
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"उदासियों मे मेरी तू अभी हँसी न मिला खमोशियों में मेरी अपनी मौशिकी न मिला कड़ा है वक़्त तो यूं भी…"
5 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"आदरणीय निलेश जी नमस्कार  बहुत ख़ूब ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिए  आप सब गुणीजनों को…"
5 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"आदरणीय मयंक जी नमस्कार  ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है बधाई स्वीकार kijiye गुणीजनों की टिप्पणियाँ…"
5 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"आदरणीय अजय जी नमस्कार  अच्छी ग़ज़ल कही अपने बधाई स्वीकार kijiye  गुणीजनों की इस्लाह और…"
5 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"आदरणीय अमीर जी  हौसला अफ़ज़ाई के लिए बहुत शुक्रिया आपका  सीखने की कोशिश ज़ारी रहेगी…"
5 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"आदरणीय अमित जी  बहुत शुक्रिया आपका ,  फिर प्रयास करती हूँ  सादर "
5 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"मेरे अनुभव आपके मुहावरों के गुलाम हों ये ज़रूरी तो नहीं।"
6 hours ago
रक्षिता सिंह replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"बहुत खूब, आदरणीय ... सादर प्रणाम ! बेहद खूबसूरत मक़्ते के साथ एक बेहतरीन प्रस्तुति ! हार्दिक बधाई…"
6 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service