For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल नूर की- चाहें किसी को और निबाहें किसी से हम

.

221 2121 1221 212 


चाहें किसी को और निबाहें किसी से हम
ख़ुश होईये कि हो ही गए आदमी से हम.
.
वो आते इस से क़ब्ल दवा काम कर गई
उकता गए हकीम की चारागरी से हम.
.
दीवार पर लगी हुई तस्वीर है अना
पीछे से झाँकती हुई इक छिपकली से हम.  
.
बन्दों में और ख़ुदा में अजब घालमेल है
हम से ही वो बना है, बने हैं उसी से हम.
.
सूरज नहीं हैं हम जो किसी रात से डरें
लड़ते रहेंगे सुब्ह तलक तीरगी से हम.
.
दुनिया की दौड़ में यूँ पिछड़ते चले गए
आगे निकल न पाए जो अपनी घड़ी से हम.
.
निलेश 'नूर'
मौलिक/ अप्रकाशित 

Views: 305

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Nilesh Shevgaonkar on July 5, 2023 at 2:30pm

आदरणीय सौरभ सर,

आप के इस ग़ज़ल तक आ कर टिप्पणी करने हेतु आभार।

दाद के लिए धन्यवाद।

मैं शाम तक मात्राक्रम लिख कर edit करने प्रेषित करता हूं।

सादर

 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on July 4, 2023 at 2:00pm

वाह ! बहुत खूब आदरणीय नीलेश जी. शेर दर शेर दाद कुबूल फरमाएँ 

ओबीओ की परम्परा के अनुसार बहर की मात्रिकता को प्रस्तुत कर देना था. 

पुनः हार्दिक बधाइयाँ 

Comment by Nilesh Shevgaonkar on June 29, 2023 at 11:08am

बहुत बहुत आभार आ. लक्ष्मण जी 

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on June 29, 2023 at 6:32am

आ. भाई नीलेश जी सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।

Comment by Nilesh Shevgaonkar on June 28, 2023 at 5:52pm

शुक्रिया आ. रवि जी,,, आपने भी ठीक जगह ऊँगली रखी...
आभार 

Comment by Ravi Shukla on June 28, 2023 at 5:39pm

वाह वाह आदरणीय नीलेश जी बहुत ख़ुब ग़ज़ल कही है एक से बढ़कर एक शेर हुए है । तीसरा शेर खास तौर पर पसंद आाया । इस उम्दा गजल पर शेर दर शेर मुबारक कबाद कुबूल करे । सादर 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , दिल  से से कही ग़ज़ल को आपने उतनी ही गहराई से समझ कर और अपना कर मेरी मेनहत सफल…"
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , गज़ाल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका ह्रदय से आभार | दो शेरों का आपको…"
4 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"इस प्रस्तुति के अश’आर हमने बार-बार देखे और पढ़े. जो वाकई इस वक्त सोच के करीब लगे उन्हें रख रह…"
7 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, बहरे कामिल पर कोई कोशिश कठिन होती है. आपने जो कोशिश की है वह वस्तुतः श्लाघनीय…"
7 hours ago
Aazi Tamaam replied to Ajay Tiwari's discussion मिर्ज़ा ग़ालिब द्वारा इस्तेमाल की गईं बह्रें और उनके उदहारण in the group ग़ज़ल की कक्षा
"बेहद खूबसूरत जानकारी साझा करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया आदरणीय ग़ालिब साहब का लेखन मुझे बहुत पसंद…"
20 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
23 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।   ........   धरा चाँद जो मिल रहे, करते मन…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"आम तौर पर भाषाओं में शब्दों का आदान-प्रदान एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। कुण्डलिया छंद में…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"जिन स्वार्थी, निरंकुश, हिंस्र पलों का यह कविता विवेचना करती है, वे पल नैराश्य के निम्नतम स्तर पर…"
Monday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"आदरणीय  उस्मानी जी डायरी शैली में परिंदों से जुड़े कुछ रोचक अनुभव आपने शाब्दिक किये…"
Jul 31
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"सीख (लघुकथा): 25 जुलाई, 2025 आज फ़िर कबूतरों के जोड़ों ने मेरा दिल दुखाया। मेरा ही नहीं, उन…"
Jul 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"स्वागतम"
Jul 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service