For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

क्षणभंगुर सा स्वप्न सजीला, छन से टूटा...बिखर गया

भावों के सागर को जब-जब

अमृत घट बंधन में बाँधा-

क्षणभंगुर सा स्वप्न सजीला, छन से टूटा...बिखर गया 

तड़प-तड़प प्राणों ने ढूँढा, लेकिन जाने किधर गया ?

भीतर-भीतर अंतःमन में जन्मे जाने कितने सपने,

लिए रवानी एहसासों की लगे सदा जो बिल्कुल अपने,

मदहोशी में खोया-खोया अपने ही सपनों में जीता,

अपने ही मद में डूबा मन अपनी ही मदिरा को पीता, 

घट फूटा तंद्रा भी टूटी, 

घट की हर आकृति भी झूठी-

सुध-बुध छलता मनहर हर घट, रीता देखा... जिधर गया ।

शांत-शांत मन के सागर में हलचल रंगीले भावों की ,

शब्दों के तानों-बानों में ढली कहानी दोहरावों की,

अनगिन सपनों की प्याली में अमिय सरीखे विषमय प्याले, 

चुन-चुन मनचाहे रंगों को, मनगढ़ दृश्यों में रच डाले,

दृष्ट पटल पर सचलेखे सा

मन का हर क्षणभंगुर सपना-

किसी बुलबुले सा जब फूटा, मन बेचारा... सिहर गया ।

देख-देख लहरों की हलचल इस अविरल निर्माप सृजन में,

देख-देख बूंदों का नर्तन तटबंधों के मूर्त वृजन में,

व्यर्थ लगा भावों का बंधन, मनहर सपनों में शब्दों में

व्यर्थ लगा हर संचय मन का, आकृति लेते प्रारब्धों में,

हँसते-रोते, मिलते-खोते

हर क्षणभंगुर आकर्षण में

बार-बार मन का भरमाना, जिसने समझा... निखर गया ।

मौलिक और अप्रकाशित

Views: 279

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on December 21, 2022 at 6:37pm

आ. प्राची बहन, सादर अभिवादन। उत्तम रचना हुई है । हार्दिक बधाई.

Comment by Sushil Sarna on December 16, 2022 at 2:29pm
आदरणीया प्राची सिंह जी बहुत भावपूर्ण सृजन हुआ है । दिल से बधाई स्वीकार करें ।
Comment by Samar kabeer on December 15, 2022 at 5:27pm

मुहतरमा डॉ. प्राची सिंह जी आदाब, बहुत उम्द: रचना हुई है, इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . . .
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छी कुंडलियाँ हुई हैं। हार्दिक बधाई।  दुर्वयस्न को दुर्व्यसन…"
15 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post मार्गशीर्ष (दोहा अष्टक)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं । हार्दिक बधाई।"
15 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .यथार्थ
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
21 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मन में केवल रामायण हो (,गीत)- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। गीत पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मन में केवल रामायण हो (,गीत)- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। गीत पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post रोला छंद. . . .
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर रोला छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मतभेद
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

मार्गशीर्ष (दोहा अष्टक)

कहते गीता श्लोक में, स्वयं कृष्ण भगवान।मार्गशीर्ष हूँ मास मैं, सबसे उत्तम जान।1।ब्रह्मसरोवर तीर पर,…See More
yesterday
Sushil Sarna posted blog posts
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post लघुकविता
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय दयारामजी"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मतभेद
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं । हार्दिक बधाई।"
Thursday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  …See More
Monday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service