For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ओबीओ को एक छोटी सी भेंट---ग़ज़ल

212 212 212 212

साल बारह का अब है हुआ ओबीओ 

उम्र तरुणाई की पा गया ओबीओ

शाइरी गीत कविता कहानी ग़ज़ल

के अमिय नीर का है पता ओबीओ

संस्कार औ अदब का यहाँ मोल है

लेखनी के नियम पर टिका ओबीओ 

गर है साहित्य संसार का आइना

तब तो दर्पण ही है दुनिया का ओबीओ

सीखने व सिखाने की है झील तू

ये भी पंकज तुझी में खिला ओबीओ 

मौलिक अप्रकाशित

Views: 1023

Facebook

You Might Be Interested In ...

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Rachna Bhatia on April 5, 2022 at 9:25pm

वाह वाह वाह आदरणीय पंकज कुमार मिश्रा जी बेहतरीन ग़ज़ल हुई। हार्दिक बधाई।


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on April 5, 2022 at 12:25am

बहुत सुन्दर भावनाएं प्रेषित कीं आदरणीय पंकज जी आपने 

यह मंच विलक्षण है यहाँ की परिपाटी विलक्षण है और ये सुन्दर भाव गंगा भी विलक्षण है 

प्रणाम स्वीकार करें 

Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on April 4, 2022 at 8:08am

अग्रज को सादर प्रणाम निवेदित है, इस रचना को आपका आशीर्वाद मिला, सादर आभार। सुझाव अवश्य मान्य होगा। 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on April 4, 2022 at 1:02am

आदरणीय पंकज जी, इस अभिनव मंच, ओबीओ, के बारहवें वर्ष में प्रवेश करने के शुभ अवसर पर आपको हार्दिक बधाइयाँ.

हिंदी के शब्दों को बरतने में इजाफत प्रयुक्त नहीं होता.

हालाँकि, हिंदी के पुराने लेखकों, जैसे कि राधा राधिका रमण सिंह जैसों ने, ऐसे कुछ प्रयोग किये थे. और, अनुप्रास अलंकार का चामत्कारिक बहाव रोचक भी लगता है. किंतु बाद में भाषा के मूर्धन्य विद्वानों ने ऐसे प्रयोगों को अमान्य कर दिया. 

शुभ-शुभ

Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on April 3, 2022 at 8:25pm

आदरणीय बाऊजी सादर प्रणाम

होना शाइरी ही था, टाइपिंग में ग़ल्ती हुई।

Comment by Samar kabeer on April 3, 2022 at 8:22pm

प्रिय अज़ीज़म पंकज कुमार मिश्रा ख़ुश रहो, ओबीओ की बारहवीं सालगिरह पर आपका तुहफ़ा पसंद आया , बधाई स्वीकार करें I 

'शायरी गीत कविता कहानी ग़ज़ल'

इस मिसरे में 'शायरी' को "शाइरी" कर लें I 

'संस्कार-ओ-अदब का यहाँ मोल है'

इस मिसरे में 'संस्कार' हिन्दी भाषा का शब्द है इसलिए इज़ाफ़त का इस्तेमाल उचित नहीं' मिसरा बदलने का प्रयास करें I 

'ग़र है साहित्य संसार का आइना'

इस मिसरे में 'ग़र' को "गर" कर लें I 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on Ashok Kumar Raktale's blog post मनहरण घनाक्षरी
"आदरणीय अशोक रक्ताले सर, जी बेहतर की संभावना तो हर जगह होती है, मगर मेरे कहने का आशय यह नहीं था।…"
20 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"सादर अभिवादन आदरणीय। मेरा मानना है कि अमित जी को इस संदर्भ में स्वयं अपना पक्ष रखना चाहिए और अपनी…"
4 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा षष्ठक. . . . आतंक
"वहशी दरिन्दे क्या जानें, क्या होता सिन्दूर .. प्रस्तुत पद के विषम चरण का आपने क्या कर दिया है,…"
8 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Ashok Kumar Raktale's blog post मनहरण घनाक्षरी
"अय हय, हय हय, हय हय... क्या ही सुंदर, भावमय रचना प्रस्तुत की है आपने, आदरणीय अशोक भाईजी. मनहरण…"
8 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"मैं अपने प्रस्तुत पोस्ट को लेकर बहुत संयत नहीं हो पा रहा था. कारण, उक्त आयोजन के दौरान हुए कुल…"
8 hours ago
Ashok Kumar Raktale commented on Ashok Kumar Raktale's blog post मनहरण घनाक्षरी
"आदरणीय भाई शिज्जु शकूर जी सादर, प्रस्तुत घनाक्षरी की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार. 16,15 =31…"
10 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-121
"काफ़िराना (लघुकथा) : प्रकृति की गोद में एक गुट के प्रवेश के साथ ही भयावह सन्नाटा पसर गया। हिंदू और…"
11 hours ago
Chetan Prakash replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"मनचाही सभी सदस्यों नमन, आदरणीय तिलक कपूर साहब से लेकर भाई अजय गुप्त 'अजेय' सभी के…"
12 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, आपका कहना सही है, पुराने सदस्यों को भी अब सक्रिय हो जाना चाहिए।"
13 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"<span;>आदरणीय अजय जी <span;>आपकी अभिव्यक्ति का स्वागत है। यह मंच हमेशा से पारस्परिक…"
13 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"सभी साथियों को प्रणाम, आदरणीय सौरभ जी ने एक गंभीर मुद्दे को उठाया है और इस पर चर्चा आवश्यक है।…"
15 hours ago
KALPANA BHATT ('रौनक़') replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-121
"विषय बहुत ही चुनकर देते हैं आप आदरणीय योगराज सर। पुराने दिन याद आते हैं इस आयोजन के..."
16 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service